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मुखरोग]
चतुर्थों भागः
५१८० मुण्ड्यादिगुटिका दन्तकृमि, दन्त शूल | ६८३० व्योपायं तैलम् उपजिह्वा ५१८३ मुस्तादि वटी मुखकी तीव्र दुर्गन्ध
लेप-प्रकरणम् घृत-प्रकरणम्
| ५३७० मसूरादि लेपः सान्दर्य वर्द्धक ५२५७ मालत्याधं घृतम् समस्त मुख रोग ५३७७ माजूफलादिलेपः तारुण्य पिडिका ६७३६ वर्णक , चेहरेक रगको निखा- ५३८२ मातुलुङ्गादि , , , व्यङ्ग, रता और झुर्रियोंको
कालक (वर्ण्य) ष्ट करता है।
५३९१)
से मुखकान्तिकरालेपाः सौन्दर्य वर्द्धक तैल-प्रकरणम्
५४११) ५२६८ मञ्जिष्टादितैलम् नीलिका, मुंहासे, पि- |
५९७७ रक्षोध्नादि लेपः अत्यन्त सौन्दर्य वर्द्धक डिका, वलि, पलित | ५९९५ रालादि लेपः होठोंका तोद, परुषता, (सौन्दर्यवर्द्धक)
रक्तस्राव , स्त्रियोंके कपोलोंको पुष्ट । ६३१४ लोधादि लेपः तारुण्य पिडिका और कान्तिमान करता
६८४१ वट पत्रादि ,, सौन्दर्य वर्द्धक
६८४४ वटाङ्कुरादि , व्यङ्ग ५२७२ मञ्जिष्टाचं , मुंहके मस्सोंको नष्ट
६८४६ वटादि , तारुण्य पिडिका, व्यङ्ग करता और कान्ति ब
नीलिका ढ़ाता है।
६८४८ वरुणादि , व्यङ्ग ५२७३ , , मुखपिडिका, तिल, कालक, व्यंग, श्यामता
रस-प्रकरणम् ५२७९ मधुयष्टयादितैलम् कान्ति वर्द्धक ५२९७ महा पद्मकं , चेहरेको निखारता और | ५६११ मुखरोगहरोरसः भयङ्कर मुखपाक
____ कोमल करता है। ५६१२ मुख रोगारि , मुख रोग ५८०२ यष्टयादि , मुखसे लार बहना, ६१२८ रसेन्द्र वटो मुख रोग, ज्वर, वात रोग
५२६९,
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