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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुष्ठ, रक्तविकार चतुर्थों भागः ८४३ विकार आसवारिष्ट-प्रकरणम् ६८५३ वायस्यादिगुटिका स्वित्र ५३३१ मध्वासवः किलास कुष्ठ ६८५६ वासादि लेपः कच्छूको ३ दिनमें नष्ट ५८०५ योगराजासवः वात पित्तज रोग, रक्त कर देता है। ६८५८ विडङ्गादि लेपः दाद ६८६१ विषादि ,, सुप्ति कुष्ट लेप-प्रकरणम् ६८६२ , , समस्त प्रकारके कुष्ठ ५३४५ मदनादि लेपः दाह, विपादिका ५३४७ , , विपादिका रस-प्रकरणम् ५३५२ मधुसिक्थकादिलेप पैर फटना ५५३५ महाकाल रसः चपादिक कुष्ठ ५३५६ मनःशिलादिलेपः श्वेत कुष्ठ ५५३६ , , गलत्कुष्ठ ५५४८ महा तालकेश्वर समस्त कुष्ट, वातरक्त, ५३५८ , , , कुष्ठ त्वग्दोष ५३६६ मरिचादि लेपः सिध्म, नवीन किलास | ५५५० , तालेश्वररसः समस्त कुष्ठ ५३८६ माहेश्वरो , दाद, पामा, खाज ५५५२ , निम्बादिचूर्णम् , , ५४१९ मूलकबीजादि, सिध्म । ५५५५ ,, ब्रह्म रसः गलत्कुष्ठ ५४२० " " " छ, सिम, काटम, ५५६८ , रौदेश्वर ,, समस्त कुष्ठ पामा, कपाल कुष्ठ ५५७१ , वज्रपाणि ,, किटिभ कुष्ट ५४२१ ,,, सिम ५५८३ ,, सिद्धेश्वर , सुप्तिकुष्ठ, मण्डल कुष्ठ विपादिकाको नष्ट करके ५८११ यवादि लेपः पैरोंको अत्यन्त कोमल ५५८४ , सूर्यप्रभ ,, पुण्डरीक कुष्ठ करता है। ५५९७ माणिक्य तिलक कुष्ठको शीघ्र नष्ट ५९८७ रसादि , कुष्ठ रसः करता है ५९८९ , , सिध्म ५५९८ , रसः स्फुटित कुष्ठ, गलत्कुष्ठ ५९९० , , कुष्ठ । वातरक्त, विचर्चिका, ५९९२ राजिकादि , चर्मदल पुण्डरीक कुष्ट, चर्म५९९६ रालादि , दाद कुष्टादि ५९९७ रास्नादि , वातरक्त | ५६०० , , कुष्ठ, वातरक्त, शीत६३०५ लाक्षादि , दाद पित्त, कण्डू, ज्वर ६३०६ लाक्षाधुद्वर्तनम् सिम, किटिभ, दाद ५६७१ मेदनी सार रसः श्वित्र कुष्ठ For Private And Personal Use Only
SR No.020117
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1985
Total Pages908
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size18 MB
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