________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
रसपकरणम्
चतुर्थों भागः
७७३
(७०५०) विद्यावागीशरसः कर्ष ज्योतिष्मती तैलं क्रामणार्थ पिबेत्सदा । ( रसे. सा. सं. ; र. रा. सु. ; र. चं. । प्रमेहा. ; वाक्पातजायत धारा जावचन्द्राक तारकम् ।। रसे. चि. म. । अ. ९)
___अभ्रक सत्वकी भस्म, हीरा भस्म, स्वर्ण मृतमृताभ्रनागश्च स्वर्ण तुल्यं प्रकल्पयेत् ।।
भस्म, चांदी भस्म, ताम्र भस्म, मुण्ड लोह भस्म,
तीक्ष्ण लोह भस्म, कान्त लोह भस्म और शुद्ध महानिम्बस्य चूर्णन्तु चतुर्भिः सममाहरेत् ।। मधुना लेहयेन्माषं लालामेहप्रशान्तये ।।
हरताल समान भाग ले कर सबको एकत्र खरल
करें और फिर उसमें उसके बराबर शुद्ध पारद सक्षौद्रं रजनीचूर्ण लेह्य निष्कद्वयन्तथा ॥
मिला कर प्रथम थोड़ी देर सूखा खरल करके ३ असाध्यं नाशयेन्मेहं विद्यावागीशको रसः ॥
दिन अलि वर्गमें धोटें और फिर उसका गोला __ पारद भस्म (रस सिन्दूर ), अभ्रक भस्म,
बना कर उसे अन्धमूषामें बन्द करके ध्मावें । इस सीसा भस्म और स्वर्ण भस्म १-१ भाग तथा ,
। क्रियासे औषधकी गोली तैयार हो जायगी। वकायनके बीजोंका चूर्ण ४ भाग ले कर सबको
इसे १ वर्ष तक सदा मुखमें रखनेसे जग एकत्र मिला कर खरल करें।
और ( रोगजनित ) मृत्यु का भय नहीं रहता तथा मात्रा-१ माशा।
बुद्धि अत्यन्त प्रखर और आयु अत्यन्त दीर्घ हो ( व्यवहारिक मात्रा-४ रत्ती।) जाती है।
अनुपान-औषध खानेके पश्चात् ७॥ इसके प्रयोगकालमें नित्य प्रति १। तोला माशे ( व्य. मा. २-३ माशे ) हल्दीके चूर्णको मालकंगनीका तेल पीना चाहिये । शहदमें मिला कर चाटना चाहिये ।
( बिना योग्य चिकित्सककी सम्मति लिये इसके सेवनसे असाध्य लालामेह भी नष्ट हो मालकंगनीके तेलकी इतनी वृहद् मात्रा कदापि न जाता है।
पीनी चाहिये ।) (७०५१) विद्यावागीश्वरीगुटिका विद्रुमशोधनमारणम् (र. र. रसा. ख. । उप. ३)
प्रवाल शोधन मारण देखिये । व्योमसत्त्वं मृतं वनं स्वर्णतारार्कमुण्डकम् ।
(७०५२) विध्वंसरसः तीक्ष्णं कान्तं तालकं च शुद्धं कृत्वा विमिश्रयेत॥ ( र. र. स. । उ. अ. १६ ; र. चं. । अजीण. ) सूक्ष्मचूर्ण समं सर्व चूर्णाशं शुद्धपारदम् । विमर्थ गन्धोपलटङ्कणेन त्रिदिनं चाम्लवर्गेण मर्दितं चान्धितं धमेत ॥ सम्भाव्य वारानथ सप्त जात्याः । विद्यावागीश्वरी ख्याता गुटिका वत्सरावधि । तायैः फलानामथ सिद्धसूतो यस्य वक्ते स्थिता तस्य जरा मृत्युन विद्यते ॥ विध्वंसनामा शमनो विधूच्याः ॥
For Private And Personal Use Only