________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
[५६.
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
-
संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण - २३१२ तालीसायंचूर्णम् क्षय, खांसी, ज्वर, १३४८ गोक्षुरपाकः अत्यन्त वाजीकरण
रक्तपित्त, अतिसार, १९६० छोहारापाकः वाजीकरण, पौष्टिक हाथ पैरोंकी दाह,
घृतप्रकरणम् इत्यादि
२०४० जीवन्तीयमकः शुक्रवईक (अनु२३४४ त्रिकण्टकादि '५० अत्यन्त वाजीकरण है २३४५
वासन योग्य , प्रयोग, २३५९ त्रिफलादियोगः आयुवर्द्धक, रसायन। १५१
- १२६९ गोधूमाय घृतम् लिङ्गशैथिल्य,शुक्रक्षय २३६५ त्रिफलायोगः वाक्यहर
तैलप्रकरणम्
१७९० चन्दनादितैलम् वीर्य और कामशक्ति गुटिकाप्रकरणम्
वर्द्धक २०१६ जातिफलादिवटी शुक्रस्तम्भक
आसवारिष्टप्रकरणम् २०१७ , " " " २३९८ त्रिकण्टकाद्योमोदकः वाजीकरण
- २४८५ ताम्बूलासवः रसायन २४.०६ त्रिफलादिवटी शुक्रतारल्य, इन्द्री
रसप्रकरणम् शैथिल्य १४९७ गगनेश्वररसः आयुवर्द्धक
१५१० गन्धककपः यौवन देता है। गुगुलुप्रकरणम्
रोगनाशक, आयुवर्द्ध. १३२६ गुग्गुलरसायनम् कान्ति, बल, बुद्धि । १५१२ , .. शौर्य, वीर्य, दीर्घायु, और आयुवर्द्धक
दिव्यदृष्टि और सुरूप
प्राप्त होता है। अवलेहप्रकरणम्
जरा(वृद्धावस्था)नाशक १३३८ गुडकुष्माण्डका
। १५२१ गन्धकतैलपातनम् कामोत्तेजक, अग्निचलेहः कृशता, अग्निमांद्य,
वर्द्धक वीर्यकी कमी, क्षय- १५३४ गन्धकरसायनम् सर्वरोग रोग ।
१५३५ , . वलिपलितनाशक, १३४५ गोक्षुरादिलेहः वाजीकरण
अग्निवर्द्धक १३४७ गोक्षुरपाकः वीर्यस्तम्भक, वाजी- १९०७ चन्द्रोदयरसः सर्वरोग
करण, पौष्टिक । । १९०८ , ,
For Private And Personal