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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra संख्या प्रयोगनाम १७८८ चतुष्पल्लवतैलम् २०४५ जम्ब्वादितैलम् २०४६ २०४७ जम्ब्वाद्यंतैलम २०५० जातीपत्रादितैलम् पूतिकर्ण 75 " २३४० त्रिकटुवादि २३५७ त्रिफलादि भा० ६७ कषायप्रकरणम् १९९० गुडूच्यादिकाथः खांसी, श्वास १२०८ गुरुपञ्चमूलीकाथः कास, स्वास २२३६ तृणपञ्चमूलादिपयः पित्तज खांसी . चूर्ण प्रकरणम् १२९९ ग्रन्थिकादिचूर्णम खांसी १७२३ चित्रकादि कफज खांसी १७२८ चिन्तामणि २००७ जीवन्त्याद्यं " " " मुख्य गुण 22 चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनी पूतिकर्ण कर्णपालीकी सूजन पूतिकर्ण कर्णस्राव www.kobatirth.org ܪܕ गुटिकामकरणम् १६३५ घनादिगुटिका २०२३ जीवकाद्यो मोदकः २४०० त्रिजातादिगुटिका उवास, कास ५ प्रकारकी स्वांसी ग्वांसी १३ कासाधिकारः ३ दिनमें खांसी श्वास को नष्ट करती है। कास, क्षत, क्षीणता, खांसी, रक्तवाली खां सी, ज्वर, क्षत, पार्श्वशूल, हिका, भ्रम । इत्यादि संख्या प्रयोगनाम लेपप्रकरणम् १४४२ गैरिकादिलेपः कर्णमूल मिश्रप्रकरणम् १६२२ गोमक्षिकाहरयोगः कानसे मच्छर निकालने की विधिः । १७५८ चित्रकाद्यवलेहः १३६४ गुडूच्यादिघृतम् १३६५ अवलेह प्रकरणम् Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir घृतप्रकरणम् ". ܕܕ For Private And Personal १८४४ चिञ्चादिवर्तिः तैलप्रकरणम् || १७९९ चन्द्रनाद्यं तैलम् खांसी, राजयक्ष्मा २०८४ जात्यादिधूम्र २०८५ धूपप्रकरणम् मुख्य गुण खांसी, श्वास, उदररोग " [ ५२९ ] वातजकास, अग्निमांद्य कास, श्वास, क्षय, गुल्म धूम्रप्रकरणम् कास कास " रसप्रकरणम् १५६६ गुणमहोदधिरसः खांसी, श्वासादि सैंकड़ों रोग
SR No.020115
Book TitleBharat Bhaishajya Ratnakar Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNagindas Chaganlal Shah, Gopinath Gupt, Nivaranchandra Bhattacharya
PublisherUnza Aayurvedik Pharmacy
Publication Year1928
Total Pages597
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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