________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir
[५२२]
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
wwwvvvwwwinwwnonMAAAAAAAAAAAAAAA/0/ronvinnonA
संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण । संख्या प्रयोगनाम मुख्य गुण २१८० ज्वालानल रसः अजीर्ण, हल्लास, वम
मिश्रप्रकरणम् न, आलस्य, अरुचि। २१८३ जम्बीरद्राव अजीर्ण, अग्निमांद्यादि २२०१ टकणादिवटी अग्निवर्धक है। २७९६ तक्रहरीतकी अग्निवर्धक, मलशोधक २७५१ त्रिफलालौहः भस्मक
२७९७ तण्डुलादिकृशरा भस्मक __२ अतिसाराधिकारः कषायप्रकरणम्
१२३४ गङ्गाधरचूर्णम् प्रवाहिका, संग्रहणी, ११०८ गङ्गाधरकाथः वेगवान अतिसार
अतिसार । ११५९ गिरिमल्लिकायंक्षीरम् रक्तातिसार
१२३५ , ,
संग्रहणी, शूल, प्र१२११ गोकण्टकादि आम, कफातिसार
वाहिका, अतिसार १६७२ चविकापल्लवयोगः अतिसार
प्रसूतिरोग । १६७४ चव्यादिक्काथः कफातिसार, वमन १२५५ गुडबिल्वम् रक्तातिसार,आम, शूल। १६८५ चित्रकादिकाथः वातकफातिसार १६९४ चन्दनयोगः रक्तातिसार, रक्तपित्त, १६८६ , , आम और वेदनायुक्त
प्यास, दाह अतिसार १७१५ चिश्चावीजयोगः अतिसारको तुरन्त १९६८ जम्ब्वादि स्वरसः कफातिसार, रक्तातिसार
रोकता है। १९६९ , , रक्तातिसार
१७२१ चित्रकादिचूर्णम् वेदनायुक्त कफपित्तज १९७२ जलत्रिक योगः दाह और शूलयुक्त
अतिसार पित्तातिसार
१९८९ जम्ब्वादिचूर्णम् रक्तपित्त, अतिसार २२११ तण्डुलीय मूलप्रयोगः रक्तातिसार १९९१ जयाखण्डचूर्णम् आमातिसार तथा २२२८ तिलादिकल्कः ,
रक्तातिसारमें अकसीर
१९९७ जातिफलादि अतिसाररोधक,दीपन, चूर्णप्रकरणम्
पुटपाक पाचन १२३० गङ्गाधरचूर्णम् सर्व प्रकारके अतिसार १९९८ जातीफलादियोगः वेगवान पुराना अति१२३१ ,, , वेगवान् अतिसार
सार, शूल और १२३२ ,, ,
रक्तयुक्त अतिसार । १२३३ , , पुराना भयङ्कर अति- २३५२ त्रिफलादिचूर्णम् भयङ्कर रक्तातिसार, सार, संग्रहणी, शोथ,
रक्तप्रवाह (बालकोंके खांसी, ज्वर, तृष्णा।
लिये विशेष उपयोगी है।)
For Private And Personal