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कषायप्रकरणम् ]
द्वितीयो भागः।
[३१९]
देवदारु, सोंठ, धमासा और भारंगीका काथ पीनेसे | और नागरमोथे का काथ पीनेसे लौट लौट कर सन्निपात ज्वर, दिनको नींद आना, रातको नींद आने वाला ज्वर नष्ट होता है। न आना, तृष्णा, मुखशोष, दाह, खांसी और (२२२२) तिक्तादिकाथः (वृ.नि.र.;वं.से.।ज्वर.) श्वास नष्ट होता है।
तिक्ताभयावहद्दन्ती त्रायन्ती राजवृक्षकः। . (२२१८) तिक्तादिकाथः
क्षारायःसैन्धवोपेतःकाथो भेदी ज्वरापहः ॥ (वृ. नि. र. । ज्व.; भा. प्र. । ख. २ ज्व.)
कुटकी, हर्र, बड़ीदन्तीकी जड़, त्रायमाणा, तिक्तामुस्तायवैःपाठाकटफलाभ्यां सहोदकम् ।
और अमलतासके काथमें जवाखार तथा सेंधानमक पकं सशर्करं पीतं पाचनं पैत्तिकज्वरे ॥
मिलाकर पीनेसे विरेचन होकर ज्वर नष्ट हो ___कुटकी, मोथा, इन्द्रजौ, पाठा और कायफल
जाता है। के काथमें मिश्री मिलाकर पैत्तिक ज्वरमें पोनेसे
| (२२२३) तिक्तानवको काथः (यो.स.अ.५) दोषोंका पाचन होता है।
तिक्तेन्द्रवीजघनकौटजभङ्गराभिः (२२१९) तिक्तादिकाथ:
पथ्यारसाञ्जनमहौषधधातकीभिः। (वं. से.; वृ. नि. र. । ज्वर.) तिक्तानिम्बविषाव्योषशक्राह्वाभिःशृतं जलम्। पित्तोद्भवं बहुविधं ग्रहणीगदश्च ॥
काथो हरेत्सगुदशूलमतिप्रवृद्धं पिबेत्कफज्वरं घोरं हन्ति काससमन्वितम् ॥ कुटकी, नीमकी छाल, अतीस, त्रिकुटा (सोंठ,
___ कुटकी, इन्द्रजौ, मोथा, कुड़ेकी छाल, अतीस, मिर्च, पीपल) और इन्द्रजौका काथ पीनेसे कास
हर्र, रसौत, सोंठ और धायकी जड़ । इनका काथ युक्त भयङ्कर कफज्वर नष्ट होता है।
पीनेसे गुदाका प्रबल शूल और अनेक प्रकारकी
पित्तज संग्रहणी नष्ट होती है। (२२२०) तिक्तादिक्वाथः (वृ.नि. र. । ज्वर )
(२२२४) तिक्तालावुयोगः (यो.त. । त. ५७) तिक्तायासकभूनिम्बश्यामापर्पटवासकैः।
| तिक्तालाबुफले पकं सप्ताहमुषितं जलम् । शृतं जलं सितायुक्तं रक्तपित्तज्वरं जयेत् ।।
| गलगण्डं निहन्त्याशु पानात्पथ्यानुशीलितम् ।। कुटकी, धमासा, चिरायता, काली निसोत,
एक अच्छी बड़ी कड़वी तूंबी को भीतरसे पित्तपापड़ा और बांसेका काथ मिश्री मिलाकर
थोड़ा खाली करके उसमें गर्म पानी भरकर उसके पीनेसे रक्तपित्त और ज्वर नष्ट होता है।
मुंहको मोम इत्यादि से अच्छी तरह बन्द करके रख(२२२१) तिक्तादिकाथः ( वृ.नि.र. । ज्वर ) तितोशीरबलाधान्यपर्पटाम्भोधरैकृतः।
सात दिन पश्चात् इस पानीको निकालकर काथःपुनःसमायातं ज्वरं शीघ्रं निवारयेत् ॥ इसमेंसे नित्य प्रति थोड़ा थोड़ा पीने और पथ्य
कुटकी, खस, खरेंटी, धनिया, पित्तपापड़ा | पालन करनेसे गलगण्ड नष्ट होता है ।
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