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रसप्रकरणम् ]
द्वितीयो भागः।
[ २२३ ]
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इसमेंसे प्रतिदिन १ माषा दवा खाकर ऊपर (व्यवहारिक मात्रा ३-४ रत्ती ) से त्रिफला, बाबची, खरसार, और अमलतासकी (१९१४) चातुर्थिकगजाङ्कुशरसः जड़ का चूर्ण १ कर्ष ( १। तो०) लेकर शहद । (र. र. स.। उ. खं. अ. १२.; र.रा. सु. । वर.) और धीमें मिलाकर पीना चाहिए।
स्थाद्रसेन समायुक्तो गन्धकः सुमनोहरः । ___ इसके सेवनसे ४० दिनमें चर्मकुष्ठ नष्ट हो हितावली त्रिगुणिता निर्गुण्डीरसमर्दितः ॥ जाता है।
सप्तवाराणि तयोज्यमार्दकस्वरसेन तु । (व्यवहारिक मात्रा २-३ रत्ती). सन्ततादिज्वरं हन्याचातुर्थिकगजाङ्कुशः ॥ (१९१३) चर्मान्तको रसः
पारा और गन्धक १-१ भाग तथा हिया(र. का. धे., र. रा. सुं. । कुष्ठ.)
वली ३ भाग लेकर सबको निर्गुण्डीके रसकी सात शुद्धमृतं विषं गन्धं कुमाशीकं शिलाजतु । | भावना दीजिए। शुल्वं तीक्ष्णं मृतं लोहं तुल्यं घर्म दिनत्रयम् ।। इसे अद्रकके स्वरसके साथ देनेसे सन्तत, काकमाच्या देवदाल्याः कोट्याश्च द्रवैदिनम्। सतत, तिजारी, चातुर्थिक आदि ज्वर नष्ट होते हैं। अन्धरित्वा पुटेचाहि त्रिरात्रं वा तुषाग्निना । (मात्रा ६-७ रत्ती। प्रातः सायं या ज्वर आदाय भावयेचाहि तैले बाकुचिसम्भवे ।
| आनेके ३ घन्टे पहिले।) निष्काई चर्मकुष्ठनं खादेचर्मान्तकं रसम् ॥
(१९१५) चातुर्थिकनिवारणरसः खदिरं बाकुचीबीजं मध्याज्यं च लिहेदनु ।
(र. र. स.; र. रा. सुं. । ज्व.) शुद्ध पारद, शुद्ध विष (मीठा तेलिया), शुद्ध
| त्रिभागं ताल विद्यादेकभागन्तु पारदम् । गन्धक, सोना मक्खी भस्म, शुद्ध शिलाजीत, ताम्र भस्म और तीक्ष्ण लोह भस्म, समान भाग लेकर
तदर्ध गन्धकञ्चैव तदर्धन्तु मन शिला ॥ मकोय, देवदाली (बिन्दाल) और कको के रसकी
कारवल्लीदलरसैर्मदयेत्महरत्र रम् । . एक एक भावना दीजिए (इनका रस डालकर एक
पाचितो बालुकायन्त्रे चातुर्थिकनिवारणः॥ एक दिन धूपमें सुखाइये ।)
__शुद्ध हरताल ३ भाग, पारद १ भाग, गन्धक फिर इसे अन्ध मूषामें बन्द करके ३ दिन आधा भाग, और चौथाई भाग मनसिल लेकर तक तुषाझिमें पकाइये और फिर एक दिन सबको ३ पहर करेलेके पत्तोंके रसमें घोटकर बाबचीके तैलमें घोटकर रखिए।
सम्पुट में बन्द करके या शीशीमें भर कर ३ पहर इसमेंसे प्रतिदिन आधा निष्क (२॥ माशे) | तक बालुका यन्त्रमें पकाइये । खाकर ऊपरसे खरसार और बाबची के चूर्णको घृत इसके सेन करनेसे चातुर्थिक ( चौथिया) तथा शहद में मिलाकर चाटनेसे “चर्म कुष्ठ" नष्ट ज्वर नष्ट होता है । (मात्रा-२-३ रत्ती। अद्रकके होता है।
रस के साथ ।)
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