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भारत-भैषज्य-रत्नाकर
परिशिष्ट चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी.
-Door(१) अग्निमांद्याजीर्णविसूचिकाधिकारः नम्बर प्रयोग नाम संक्षिप्त गुण नम्बर प्रयोग नाम संक्षिप्त गुण कषाय-प्रकरणम्
रस-प्रकरणम् ८७८८ अमृतादिकषा० विचिका, अजीर्ण,विष | ८९२५ अग्निकुमार रसः अग्निदीपक ९२०३ करजादिवमन
८९२७ , " " कषायः विसूचिका
८९२८ अग्निजननी व० ॥ ९२०४ ,
८९३३ अजीर्णहर रसः गुरु पदार्थों को भी पचा घोरविसूचिका
देता है। चूणे-प्रकरणम्
मिश्र-प्रकरणम् ८८०० अग्निचूर्णम् वातज अग्निमांद्य
। ९००० अजीर्णनाशक ८८०१ अग्निमुख चू० अग्निमांद्य, शूलादि
किस पदार्थका अजीर्ण ८८०७ अजमोदाथ चू० अग्निदीपक
किस चीज़से मिटता है। ८८१३ अभयायोगः विदग्धाजीर्ण
९०६० आयामकाञ्जि. अरुचि, शूल, वायु आदि ९०२६ आमलकादि चू० अग्निमांध
नाशक. १ पहर में आहार ९२९७ क्रयादिकल्कः अत्यन्त क्षुधावर्द्धक
को पचा देती है।
९५४९ काञ्जिकयोगः विसूचिका, अलसक घृत-प्रकरणम्
९५६९ क्रव्यादद्रवः कब्ज, शूल, गुल्म (रुचि ८८४३ अगस्यघृतम् अग्निमांद्य, गुल्म, हृद्रोग
और अग्निवर्द्धक
गणः
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