________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
३८७
संग्रहणी-रोगाधिकार
संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण ६४६ किरातादि पित्तप्रधान सन्निपात ६४७ , कण्ठकुब्ज ।
चूर्णप्रकरण ६९६ कर्कोटक्यायुदर्तन शीतांग सन्निपात
गुटिकाप्रकरण ७६६ कुलवटी सन्निपात
आसवप्रकरण ८९३ कुम्जासव सन्निपात
अञ्जनप्रकरण २२४ असुरादि सन्निपात, तन्द्रा २२५ अञ्जन नं. १० , बेहोशी ५९६ अञ्जनभैरव , ३३३ अर्द्धनारीनटेश्वर , तन्द्रा, निद्रा,
प्रलाप, खांसी, श्वास ९२१ कणादि भूतदोष, अपस्मार ९२५ कस्तूरिकादि सन्निपात, तन्द्रा ९२८ कृष्णादि अञ्जन तन्द्रिक-सन्निपात
। सख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण
नस्यप्रकरण ४३३ आर्द्रकादि सन्निपात ९३३ कुष्ठादि तन्द्रिक सन्निपात ९३४ कृष्णादि कण्ठकुब्ज सन्निपात
रसप्रकरण २३५ अग्नि कुमार (३) सन्निपात, तन्द्रा,
मन्दाग्नि, संग्रहणी, गुल्म,
खांसी २५५ ,,, सन्निपात, सर्वरोग | ३२९ अर्केश्वर
५२९ उन्मत्ताख्य । ९५१ कफकुञ्जर ___ कफ, वात, सन्निपात,
उदररोग | ९७१ कस्तूरी भैरव दारुण-सन्निपात | १००४ कालारि सन्निपात, वात-व्याधि
१०२३ (अ) कुलवधु क्षय, सन्निपात
५९ संग्रहणी-रोगाधिकार कषाय
६८९ कपित्थाष्टक संग्रहणी, अतिसार, क्षय, २ अतिविषादि ग्रहणी, ज्वर, अरुचि,
गुल्म, हिचकी, अरुचि, मन्दाग्नि
खांसी ३७१ आम्रादि यवागु पित्तज, संग्रहणी
गुटिका ६८८ कपित्थादि पेया वातज , ९५ अग्निकुमार मोदक संग्रहणी, अग्निमांद्य,ज्वर, चूर्ण
खांसी, श्वास, उदररोग ५४ अजाज्यादि अनेक प्रकारकी संग्रहणी, | ११५ अभ्रकादि वटी सर्व प्रकारकी संग्रहणी
ज्यरालिसार, हैजा । ७४२कपुरसुन्दरी घटिकाग्रहणी, शीतवात,अफीम
For Private And Personal Use Only