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संख्या
चिकित्सा - पथ-प्रदर्शिनि
प्रयोग नाम
गुग्गुलु
१३८अमृतादि वटिका घाव, वातरक्त, शोथ,
गुल्म, पांडु
८३८ कुङ्कुम
८३९
11
१०९४ खर्जूरादि
१८० अणु तैल
गुटिका
१२८ अर्द्ध नारीश्वर कफज शिरोरोग में नस्य
१४ अमृतादि
प्रधान गुण
घृत
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३८४
तैल
कषाय
आधा शीशी
वातरक्तजशिरशूल, आधाशीशी, सूर्यावर्त,
कान, आंखकी पीड़ा कनपटियों का शूल
शीतपित्त
संख्या
५३ शिरोरोगाधिकार
चूर्ण
आधाशीशी, शिरकांपना।
६९४ करञ्जादिशीर्षरेचन शिर के समस्त रोगों ५८७ ऐलेयक तैल शिरोभ्रम, कम्प, यातपित्त रोग
में नस्य
८५१ कनक तैल
प्रयोग-नाम
९१५ कृष्णादिलेप
८६२ कर्पूर तैल
९०१ कमलादि
९१० कुष्ठादि
९११
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शिरोरोग, मन्यास्तम्भ, ९१२ शिरशूल, अदित, पीनस | ९१६ कृष्णादि
५४ शीतपित्ताधिकार
८७४ कुमारी"
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लेप
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शीतरोगाधिकार
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तैल
धावका कफज शोध
प्रधान गुण
नासूर, सर्वत्रण
लेप
आंख और शिरकाशूल,
श्लीपद, गलगण्ड, वृद्धि,
आमवात,
शोथ
अर्दित,
मन्यास्तम्भ,
शिर के रोग, वातरोग
शिरपीड़ा
"
वातज शिर पीड़ा
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19
लेह
४०६ आर्द्रक खण्ड शीतपित्त, उदर्द, यक्ष्मा, मन्दामि आदि