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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनि
३८१
घातल्याण्याधिकार
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अपस्मार
संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुणसंख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण ३८९ आभादि चूर्ण गृध्रसी, हनुग्रह, सर्व | ५८७ ऐलेय सर्पि वात, पित्त, कफ, शिर वातरोग
घूमना ४५४ इन्द्रवारुणी,, सन्धिवात ७१५ कुष्ठादि , अनेक प्रकारके वातरोग | १७९ अणु तैल वातव्याधि
गुटिका | १८२ अमृतादि तैल यातव्याधि, अपस्मार, १०३ अजमोदादि समस्त वात रोग
उन्माद, अरति, क्षीणता ११७ अमरसुन्दरी वटी , घातरोग विशेषतः | १८८ अश्वगन्धा तैल रक्तपित्त, प्रदर, नपुंस
कता, वीर्यदोष, योनिदोष १२५ अमृतानाम गुटि वात-व्याधि, कुष्ठ,प्रमेह, | | १९० अष्टकदर तैल गृध्रसी, उरुग्रह
अपस्मार क्षय, श्वास, | ५७३ एरण्ड तैल योग , , शोथ, पांडु
५७४, " " " ७३६ कणादि वटी समस्त शरीरस्थ वायु ५८२ एलादि तैल योग वातव्याधिहर, बल वर्ण लेह
अग्निकारक ५६९ एरण्ड पाक वात रोग, कुष्ठ,पित्तरोग, | ८७२ कुजप्रसारणा सब वातव्याधि, कुब्ज,
वात कफ-रोग उदररोग, प्रमेह, नासुर
८८० कुष्ठादि तैल उरुस्तम्भ ५७० , , वातव्याधि, शोथ, शूल,
८८७ केतकादि तैल अस्थिगत वायु उरुग्रह, कटिशूल, आम
वात, वृद्धि ७८८ कल्याणावलेह जडता, गद्गद्पना,
२८७ अनिलारि रस वातव्याधि गूंगापन, स्मरण-शक्ति
३१५ अमृतसुन्दर रस वात-कफज समस्तरोग
३३१ अर्केश्वर रस सुप्तिवात ८१४ कुबेर पाक सर्व वातरोग, मन्दाग्नि,
३३४ अर्धाङ्ग वातारि अधरङ्ग, कम्पवात निर्बलता, मूत्रदोष
५८५ एकाङ्गवीर रस पक्षाघात, अर्दित,अर्धाङ्ग
९६२ कम्पवातारि सर्वाङ्गवायु, कम्पवात गुग्गुल
९६३ कम्पपातहर अर्धाङ्ग, कम्पवात १३७ अमृतादि क्रोष्टु शीर्ष
९९४ कालकण्टक वातव्याधि,सन्निपात,कुष्ठ ४०१ आदित्य पाक सन्धि अस्थि मज्जागतवायु १००४ कालारि
१०१९ कुजविनोद हृदयपीड़ा, पसलीशूल, ४१९ आनन्द भैरव त्वम्गत वायु
आमवात, मेद,मान्यबाद
वर्द्धक
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