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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनि
कुष्ठाधिकार
संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण ५२८ उन्मत्चभैरव क्षय, श्वास, कफरोग,
ग्रहणी पौष्टिक
१००६ कासकर्तरी खांसी ९५५ कफकेतु रस कफरोग
१००७ कास कुठार सर्वकास, सन्निपात, ९५६ खांसी, श्वास, शीत, वायु
___ शिरोरोग कफरोग | १००८ कासकेसरी खांसी, श्वास
१००९ कासनाशन खांसी ९५९ , पीनस, श्वास, फास,
| १०१० कासश्वाशविधूनन कास, श्वास सन्निपातादि ९६० कफ चिन्तामणिरस कफरोग, वातरोग
१०११ कास संहार भैरव सर्वकास,श्वास,अरुचि ९६८ कल्पतरू खांसी, श्वास, कफरोग, | १०१२ कासहरी खांसी ग्रहणी, कुष्ठ
१०१३ कासान्तक , १००२ कालान्तक कास, श्वास, अतिसार, १०१४ कासारि सर्वकास
९५७ ९५८
१६ कुष्ठाधिकार कषाय
वात, भगन्दर, प्रतिश्याय पीनस, ६६३ कुष्ठन महाकषाय कुष्ठ
१३५ अमृतादि कुष्ठ, वातरक्त, अर्श, ब्रण, १०५६ खदिराष्टक , विस्फोटक, विसर्प, |
मन्दाग्नि, प्रमेह, शोथ, आमवात ___ खुजली, मसुरिका १३६ , कुष्ट, वातरक्त, अर्श, व्रण, मन्दाचूर्ण
ग्नि, प्रमेह, भगन्दर, आमवात ७११ कुष्ठनाशक प्रयोग अनेक प्रकार के कुष्ठ ५६८ एकविंशतिको कुष्ट, कृमि, दाह भग्न आदि गुटिका
अनेक रोग ७४५ कल्याण गुटिका कुष्ठ, भगन्दर, पाण्डु,अर्श,
कामला, ग्रहणा, प्रमह | १४५ अमृत भल्लातकी सर्वकुष्ठ, अनेक रोग ७४७ काकणन वटी काकण कुष्ठ । ४४८ आरोग्य वर्द्धनी सर्वकुष्ठ, ज्वर, भेद,
घृत मन्दाग्नि, शोधक ४२२ आवर्तकी घृत गलकुष्ठ, स्रावयुक्त व्रण १०७१ खदिरादि सर्वकुष्ठ ८३२ कासीसादि कुष्ठ, दाद, पामा, त्वग्दोष,वण,
१०९१ खदिरादिपंच- ८ प्रकार के कुष्ठ, प्रन्थि, १३४ अमृतादि सर्वकुष्ठ, वातरक्त, कामला आम- । तिक्त घृत गलगण्ड, ब्रण, विसर्प
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