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चिकित्सा-पथ-प्रदर्शिनी
३५७
अश्मयधिकार
रस
संख्या प्रयोग-नाम प्रधान गुण संख्या प्रयोष-नाम प्रधान गुण ७९६ कुटजावलेह (६) अर्श, अतिसार, संग्रहणी, २०९ अर्शोहर मस्से
___ रक्तपित्त, प्रवाहिका आदि ८९८ कटुतुम्ब्यादि अर्श ७९८ कुटज-रस-क्रिया रक्तार्श, रक्तातिसार,
रक्तप्रदर,
| ९०६ काञ्चनीलेप , ८०६ कुष्माण्ड खण्ड रक्तार्श, मूढवात, मन्दाग्नि
धूप १०८४ खण्डशूरणावलेह अर्श, मूढवात
| २१२ अश्वगन्धादि बवासीर घृत
९१८ कर्परधूप , १७० अवाक्पुष्प्यादि अर्श, अतिसार, रक्तस्राव,
गुदभ्रंश, शोथादि ८३३ कुटजादि रक्तार्श शूल
|२६३ अग्निकुमार (३१) अर्श, अग्निमांद्य, श्वासादि ८६८ कासीसादि मस्से नष्ट होते हैं
| २७३ अग्निमुखलोह मन्दाग्नि, पांडु, कुष्ठ,
उदररोगादि आसवारिष्ट
३१२ अभ्रक हरीतकी त्रिदोषज बवासीर १९२ अभयारिष्ट (२) अर्श, उदररोग, मन्दाग्नि,
___ मलावरोध
३२१ अमृताङ्कुर लोह बवासीर, कुष्ठ, पांड, १९३ , (३) ग्रहणी, अर्श, तिल्ली, पांड,
वायु, प्रमेह ज्वर, खांसी ३३६ अथाऽर्शकुठार रस बवासीर १९४ अभयारिष्ट(४) अर्श, कुष्ठ, प्रमेह, तिल्ली, | ३३७ अर्शकुठार रस (१) , ८८८ कनकारिष्ट रोचक, अर्श, ग्रहणी, श्वास ३३८ , (२) ,
ज्वर, शोथ, गुल्म २३९ अर्शोरि मडूर ,, कृशता, बलकारक, ८९४ कुमार्यासव अर्श, कास, श्वास, पांड,
उत्साहवर्धक गुल्म, उदररोग ३५२ अष्टांग रस सब प्रकारको बवासीर
९४६ कनकसुंदर (४) अर्श, कटिशूल, क्षय, २०७ अर्कादि मस्से
श्वास, ज्वरादि रोग पुख
लेप
८ अश्मयधिकार कषाय
३५७ आकल्लकादि पथरी, रेग, अत्यन्त पीडा
५५९ कुलत्यादि मूत्र के साथ पथरी निकल पथरी, मूत्रकृच्छ्र
जाती है
५४९ एलादि
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