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ना०व० नाड़ी व्रण ने ० रो० नेत्ररोग नेत्र० पट०
पटल प्र०
प्रथम परि०
परिशिष्ट पाका० पाकाधिकार पां०चि० पांडु चिकित्सा प्रमे० प्रमेह चिकित्सा प्र० चि० प्र० वि० प्रथम विलास प्ली० प्लीहा चिकित्सा प्ली० चि०
" बा० रो० बालरोग बृ० नि० बृहन्निघण्टु रत्नाकर बृ० नि० र० बृ० यो० त० बृहद्योगतरङ्गिणी भग०
भगन्दर भग्न०
भग्नाधिकार भा०
भाग भा० प्र० भाव प्रकाश भै० र० भैषज्य रत्नावली म० खं० मध्यम खण्ड मदा० मदात्यय मसू० चि०
मसूरी चिकित्सा मिश्राधि० मिश्राधिकार मु० रो० मुखरोग मुख० मू० कृ० मूत्रकृच्छ्र मूत्रा० मृत्राघात मेद० मेदोरोग यो० त०
योग तरङ्गिणी यो० चि० योग चिन्तामणि यो० र० योग रत्नाकर
यो० व्या० योनिव्यापद् र० अ० रसायन अधिकार रक्ताति० रक्तातिसार र० खं० रसायन खण्ड र० च० रस चण्डांशु र० चि० रस चिन्तामणि
वि० रक्तपित्त र० प्र० सु० रस प्रकाश सुधाकर र० मं० रस मंगल र० यो० सा० रस योग सागर र० र० रस रत्नाकर र० र० स० रस रत्नसमुच्चय र० रा०सु० रस राज सुन्दर र० सं० क० रस संकेत कलिका र० सा० रस सागर र० सा० सं० रसेन्द्रसार संग्रह रसा० सा० रसायन सार रसे० चि०
रसेन्द्र चिन्तामणि रा०नि० राजनिघण्ट रा० य० राजयक्ष्मा
रोग वं० से० वंगसेन वा० चि० वायु चिकित्सा वाजी० वाजीकरण वा०र० वातरक्त वा० व्या०
वात व्याधि
विलास वि० ज्व० विषम ज्वर विष० विषाधिकार विस० विसर्प वी० स्त० वीर्यस्तम्भ वै० क० द्रु० वैद्यकल्पद्रुम वै० जी० वैद्य जीवन वै० श० सिं० वैद्यक शब्द सिंधु
रो०
वि०
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