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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org 1 ११२ भामिनी- विलासे असून् । हरामि = नाशयामि | इति एवं परिचिन्त्य = विचार्य । आत्ममनसि = स्वचेतसि । अनुतापं = संतापं । मा कृथाः = नैव कुरु । यतः भूपानां = नृपाणां भवनेषु = सौधेषु । किंच । विमलानि च तानि क्षेत्राणि तेषु = पुण्यतीर्थादिषु इत्यर्थः । गूढः = गुप्तप्रायः आशयः= अभिप्रायः हिंसादिकल्पना इतियावत् येषां ते गूढाशयाः ( अभिप्रायश्च्छन्द आशयः–अमर: ) साधूनां = सज्जनानाम् अरथः = शत्रवः । तव तुल्या कक्षा = श्रेणी येषां ते त्वत्तुल्यकक्षाः गुतहिंसका इत्यर्थः । कति = कियन्तः । खलाः = दुर्जनाः । नो = न । वसन्ति अवतिष्ठन्ति, अपि तु बहूनि सन्ति इत्यर्थः । = समाना = भावार्थ-रे व्याध ! प्राणियोंनें विश्वास उत्पन्न कराकर उनकी हिंसा करनेवाला निर्दयी अकेला मैं ही हूँ, ऐसा पश्चात्ताप तुम मत करो । राजभवनों या पुण्यस्थलोंमें गुप्तरूपसे सज्जनोंके प्रति हिंसाकी भावना रखनेवाले तुम्हारे समान कितने ही दुर्जन व्यक्ति नहीं रहते हैं क्या ? Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir - टिप्पणी-व्याध जब शिकार करता है तो पहिले उन प्राणियोंको किसी प्रकार अपने जाल में फाँस लेता है । पक्षी आदि चारेके लोभसे उसके जाल में फँस जाते हैं । हरिण आदि उसकी बीनके स्वर में मुग्ध हो जाते हैं । इस प्रकार विश्वस्त हुए प्राणियोंका वह वध कर डालता है । इसी प्रकार राजदरवारोंमें या तीर्थस्थानोंमें भी ऐसे ही दुष्ट रहते हैं जो न्यायार्थीको या तीर्थयात्रीको विश्वास दिलाकर लूट लेते हैं । इसीलिए कवि व्याधको लक्ष्य करके कहता है कि तुम अकेले ही विश्वासघाती हो ऐसा मत समझो, राजदरबारोंमें या तीर्थस्थानोंमें तुमसे बढ़कर लुटेरे रहते हैं जो भोलेभाले सज्जनोंको निरन्तर लूटा करते हैं । For Private and Personal Use Only यह अन्योक्ति नहीं, व्याधके प्रति सामान्य उक्ति है । इस पद्यको पंडितराजने रसगङ्गाधर में प्रतीप अलंकार के उदाहरणमें रक्खा है । प्रतीप अलंकार वहाँ होता है जहाँ उपमेय और उपमानमेंसे किसी एकका उत्कर्ष दिखाया जाय और उसी उत्कृष्ट गुणको दूसरेमें दिखाकर उसका
SR No.020113
Book TitleBhamini Vilas ka Prastavik Anyokti Vilas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJagannath Pandit, Janardan Shastri Pandey
PublisherVishvavidyalay Prakashan
Publication Year1968
Total Pages218
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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