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गशा
लीसाए, नव पो जहन्न. वीसाए उको सीयालीमाए, दस ज. चावीसाए उक्को० बावन्नाए आगासांस्थकायस्स व्याख्या-18 सम्बत्य उक्कोसगं भाणियव्वं ॥ प्राप्ति
[प्र०] हे भगवन् । पुद्गलास्तिकायना ने प्रदेशो केटला धर्मास्तिकायना प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला होय? [उ०] हे गौतम ! ॥११६२॥
जधन्यपदे छ प्रदेशोवडे, अने उत्कृष्टपदे वार प्रदशोबडे स्पर्श करायेला होय. ए प्रमाणे अधर्मास्तिकायना प्रदेशोबडे पण स्पर्शना जाणची. [३०] केटला आकाशास्तिकायाना प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला होय [उ०] बार प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला होय. बाकी बंधु धर्मास्तिकायनी पेठे जाणवू[प्र०] हे भगवन् ! त्रण पुद्गलास्तिकायना प्रदेशो केटला धर्मास्तिकायना प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला | होय ? [२०] जघन्य पदे आठ. अने उत्कृष्टपदे सत्तर प्रदेशोवडे स्पर्श करायेल होय. ए प्रमाणे अधर्मास्तिकायना प्रदेशोवडे पण स्पर्श करायेला होय. [प्र०] केटला आकाशास्तिकायना प्रदेशोवडे स्पर्श करायला होय? [उ०] सत्तर प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला होय. पाकी बंधु धर्मास्तिकायनी पेठे जाणवं. ए प्रमाणे आ पाठ वडे यावत्-दश प्रदेशो सुधी कहे, परन्तु पटलो विशेष के के जघन्यपदे बेनो अने उत्कृष्टपटे पांचनो प्रक्षप करवो. चार पुद्गलास्तिकायना प्रदेशो जघन्यद दश अने उत्कृष्ट पदे बावीश प्रदेशोवडे स्पर्श करायेला होय.पुद्गलाम्तिकायना पांच प्रदेशो जघन्यपदे वार अने उत्कृष्टपदे सत्यावीश प्रदेशोबडे स्पर्श करायेला होय.पुद्गल स्तिकायना छ प्रदेशो जघन्यपदे चौद अने उत्कृष्टपदे चत्रीश प्रदेशो बडे स्पर्श करायेला होय. पुद्गलास्तिकायना सात प्रदेशो जघन्यपदे सोळ अने उत्कृष्टपदे साडत्रीश प्रदेशोवहे स्पर्श करायेला होय. पुद्गलास्तिकायना आठ प्रदेशो जघन्यपद अढार अने उत्कृष्टपदे तालीश प्रदेशोवडे स्पर्शायेला होय. पुद्गलास्तिकायना नव प्रदेशो जघन्यपदे वीश अने उत्कृष्टपदे मुडतालीश प्रदेशोवडे स्पीयेला होय. पुद्ग
SANELA
B.
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