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यं सुकं जडिलं गठिल्लापहामिहए तण्हामिह आरजराजजरियदेहे सिदिलताबासको
वास(सयोसहस्सेण वा नो खवयंति जावतियं चउत्थभत्तिए, एवं तं व पुब्वभणियं उचारेयब्वं जाव वासको. व्याख्या
डाकोडीए वा नो स्ववयंति', गोयमा। से जहानामए-के पुरिसे जुने जराजजरियदेहे सिढिलतयावलितरंगसं- 131१६ शतके
पिणद्धगत्ते पविरलपरिसडियदंतसेडी उपहामिहए तण्हामिहर आउरे झुझिए पिवासिए दुन्यले किलंते एगं महं लाउद्देश ॥१३७९० कोसंबगंडियं सुकं जडिलं गंठिल्लं चिकणं वाइद्धं अपत्तिय मुंडेका परसुणा अवकमेना, तए णं से पुरिसे महंताई
१३७९॥ २ सदाई करेइ नो महंताई २ लाई अबदालेह, एषामेव गोयमा! नेरहयाणं पावाई कम्माई गाढीकयाई चिक्क8णीकयाई एवं जहा छट्टसए जाच नो महापबवसाणा भवंति, से जहानामए-केई पुरिसे अहिकरणिं आउडेमाणे
महया जाव नो महापजवसाणा भवंति, से जहानामए-कई पुरिसे तरुणे बलवं जाव मेहावी निउणसिप्पोवगए | एग महं सामलिगंडियं उल्लं अजडिलं अगंठिल्लं अचिकणं अवाइद्धं मपत्तियं तिक्खेण परसुणा अक्षमज्जा, तए जाणं से पुरिसे नो महंताई १ सहाई करेति महंताई २ दलाई अवदालेति, एवामेव गोयमा! समणाणं निग्गंथाणं
अहावावराई कम्माहं सिदिलीकयाई णिष्ट्रियाई कयाई जाव खिप्पामेव परिविद्धत्थाई भवंति जावतिय तावतियं है जाव महापञ्जवसाणा भवंति, से जहा वा केह पुरिसे सुबतणहत्यगं जायतेयंसि पक्विवेजा एवं जहा छट्ठसए
तहा अयोकवल्लेवि जाच महाप० भवंति, से तेणद्वेणं गोयमा! एवं बुखा जावतियं अमइलायए समजे निग्गंधे किम्मं निजरेति तं चेव जाप पासकोडाकोडीए वा नो खवयंति ॥ 'सेवं भंते ! सेवं भंते ति जाव विहरह I (सत्रं ५७३ ) ॥ १६-४॥
ROCESAKASHAKA
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