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________________ www.kobatirth.org Acharya Shri Kalashsagarsuri Gyanmandir She Mahavir Jain Aradhana Kendra ख्या प्तिः •५२॥ CHESTERESARKAR दस परमाणुपोग्गला भवति । [प्र०] हे भगवान ! दस परमाणुओ संबन्धे प्रश्न. [३०] (नेनो एक दसप्रदेशिक स्कंध थाय छे. अने जो तेना विभाग कर १२शतके हैवामां आवे तो ,त्रण, चार, पांच, छ, सात, आठ, नब अने दश विभाग थाय छे.) यावत् बे भाग करवामां आवे तो एक तरफ उद्देशा एक परमाणु अने एक तरफ नत्र प्रदेशनो एक स्कंध थाय छे. अथवा एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ अटप्रदेशिक एका1१०५२॥ ४ा स्कंध होय छे. एप्रमाणे एक एकनो संचार करवो; यावत-अथवा वे पंचप्रदेशिक किंधो थाय छे. जो तेना त्रण विभाग करवामां आवे तो एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ एक आठ प्रदेशनो स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ परमाणुपुद्रल, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कंध, अने एक तरफ सप्तप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ परमाणुपद्रल, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंच अने एक छ प्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ एक चतुष्पदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदशिक स्कंध होय छ. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध, एक तरफ त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक तरफ पंचप्रदेशिक स्कंध होय छ.. अथवा एक तरफ एक द्विप्रदेशिक स्कन्ध अने एक तरफ वे चतुष्प्रदेशिक स्कंधो होय छे. अथवा एक तरफ वे त्रिप्रदेशिक स्कंधों ४ा अने एक तरफ एक चतुष्पदेशिक स्कंध होय छे. तेना चार विभाग करवामां आवे तो एक तरफ त्रण परमाणुपुद्गलो, अने एक तरफ | सप्तप्रदेशिक स्कंध होय छे. अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ द्विप्रदेशिक स्कट अने एक तरफ छप्रदेशिक स्कंध होप छ, अथवा एक तरफ वे परमाणुपुद्गलो, एक तरफ एक त्रिप्रदेशिक स्कंध अने एक पंचप्रदेशिक स्कन्ध होय छे. अथवा एक तरफ जावे परमाणुपुद्गलो अने एक तरफ वे चतुष्प्रदेशिक स्कन्धो होय छ. अथवा एक तरफ एक परमाणुपुद्गल, एक तरफ द्विप्रदेशिक For Private And Personal
SR No.020109
Book TitleBhagvati Sutram Part 04
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1939
Total Pages235
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size6 MB
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