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RECSAL
व्याख्याप्रज्ञप्तिः ॥७७८॥
९ शतके उद्देशा५ ॥७७८॥
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एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक पंकप्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभाभां एक वालुकाप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. ए प्रमाणे यावत् ४ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय (३ एक रत्नप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमाप्रभामा होय. ४ अथवा एक रत्नप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक तमातमःप्रभामां होय. ए प्रमाणे शर्कराप्रभाने छोडीने चार विकल्प थाय.) १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामा अने एक धूमप्रभामां होय. यावत् ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमा होय. (२ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. ३ अथवा एक रत्नप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक तमःतमःप्रभामां होय. ए रीते वालुकाप्रभा छोडीने त्रण विकल्प थाय) १ अथवा एक रत्नप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक तम प्रभामां होय. २ अथवा एक रत्नप्रभामां एक धूमप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय. एम पंकप्रभाने छोडीने वे विकल्प थाय.)१ अथवा एक रत्नप्रभामा एक तमःप्रभामां अने एक अधःसप्तम पृथिवीमां होय. (ए एक विकल्प धूमप्रभा छोडीने थाय. ए प्रमाणे रत्न ना ५-४-३-२-मळीने पंदर विकल्प थाय छे.) १ एक शकेराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक पंकप्रभामा होय.२ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. यावत् ४ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. (३ एक शर्कराप्रभामां एक वालुकाप्रभामां अने एक तमःप्रभामा होय. ४ अथवा एक शर्कराप्रभामा एक वालुकाप्रभामां अने एक तमातमःप्रभामां होय. एम शर्कराप्रभा साथे चार विकल्प थाय.) १ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक धूमप्रभामां होय. यावत् ३ अथवा एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामा अने एक अधःसप्तम नरकमां होय. (२ एक शर्कराप्रभामां एक पंकप्रभामां अने एक
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