SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 181
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्याख्या । ९ शतके उद्देश ॥५१॥ प्राप्तिः ॥७५१॥ ACCASIX है गौतम ! जे जीवे धर्मांतरायिक-चारित्र धर्ममा अन्तरायभूत-चारित्रावरणीय कर्मोनो क्षयोपशम कयों छे ते जीव केवली पासेथी | यावत् सांभळया विना पण मुंड थइने अगारवास त्यजी शुद्ध अनगारिकपणाने स्वीकारे, अने जे जीवे धर्मांतरायिक कर्मोनो क्षयो| पशम कर्यो नथी ते जीव केवली पासेथी यावत् सांभळ्या विना यावत् मुंड थइने यावद् न स्वीकारे. माटे हे गौतम ! ते हेतुथी एम कहुं छे के ‘यावत् न स्वीकारे.' [प्र०] हे भगवन् ! केवली पासेथी, यावत् तेना पक्षनी उपासिका पासेथी सांभळया विना कोड | जीव शुद्ध ब्रह्मचर्यवासने धारण करे ? [उ०] हे गौतम ! केवली पासेथी, यावत् तेना पक्षनी उपसिका पासेथी सांभळ्या विना पण ६ कोइ जीव शुद्ध ब्रह्मचर्यवासने धारण करे, अने कोइ जीव शुद्ध ब्रह्मचर्यवासने धारण न करे. [प्र.] हे भगवन् ! एम शा हेतुथी कहो छो के-'यावत् ब्रह्मचर्यवासने धारण न करे "१ [उ०] हे गौतम! जे जीवे चारित्रावरणीय कर्मोनो क्षयोपशम कर्यों के ते जीव केवली पासेथी यावत सांभळ्या विना पण शुद्ध ब्रह्मचर्यवासने धारण करे, अने जे जीवे चारित्रावरणीय कर्मोनोक्षयोपशम नथी कर्यो ते जीव केवली पासेथी यावत् सांभळ्या विना शुद्ध ब्रह्मचर्यवासने धारण न करे. माटे हे गौतम! ते हेतुथी एम कयु छ के 'यावत् ब्रह्मचर्यवासने धारण न करे.' | असोचा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेजा?, गोयमा! असोचा णं केवलिस्स जाव उवासिगाए वा जाव अत्थेगतिए केवलेणं मंजमेणं संजमेज्जा अस्थेगतिए केवलेणं संजमेणं नो संजमेज्जा, से केणहेणं जाव नो संजमेज्जा,गोयमा! जस्स णं जयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ से णं असोचाणं केवलिस्स वा जाव केवलेणं संजमेणं संजमेज्जा जस्स णं जयणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे नो कडे भवह For Private and Personal Use Only
SR No.020108
Book TitleBhagvati Sutram Part 03
Original Sutra AuthorSudharmaswami
Author
PublisherHiralal Hansraj
Publication Year1938
Total Pages212
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy