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व्याख्या प्रज्ञप्तिः ॥७५॥
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अलोए ? पुन्धि अलोए पच्छा लोए ?, रोहा! लोए य अलोए य पुन्धिपेते पच्छापेते दोवि एए सासया भावा, अणाणुपुच्ची एसा रोहा !। पुब्धि भंते ! जीवा पच्छा अजीवा पुटिव अजीचा पच्छा जीवा ?, जहेब लोए य
१ शतके अलोए य तहेब जीवा य अजीवा य, एवं भवसिद्धीया य अभवसिद्धीया य, सिद्धी असिद्धी, सिद्धा असिद्धा,
| उद्देशः ६ पुचि भेत ! अंडए पछा छुडी पुन्धि कुत्र कुडी पच्छा अंडए, रोहा ! से गं अंडए कओ?, भयवं ! कुक्कु ।७५ ।। डीओ, साणं कुक्कुडी कओ?, भंते ! अंडयाओ, एवामेव रोहा ! से य अंडए सा य कुक्कुडी, पुषिपेते पच्छा-18 पेते, दुवेते सासया भाषा, अणाणुपुब्बी एमा रोहा!। पुन्धि भंते ! लोयंते पच्छा अलोयंते पुव्वं अलोयंते पच्छा लोयते !, रोहा ! लोयंते य अलोयंते य जाव अणाणुपुच्ची एसा रोहा। पुन्धि भंते ! लोयंते पच्छा सत्तमे | उवासंतरे पुच्छा, रोहा : लोयंते य सत्तमे उवासंतरे पुविपि दोवि एते जाव अणाणुपुम्वी एमा रोहा। एवं लोयंते य सत्तमे य तणुवाए, एवं घणवाए घणोदहि सत्तमा पुढवी, एवं लोयंते एकेकेणं संजोएयब्वे इमेहि ठाणेहि, तंजहा-ओवासवायघणउदहि पुढवी दीवा य सागरा वासा। नेरइयाई अस्थिय समया कम्माई लेस्सा
ओ। १॥ दिट्ठी सण णाणा सन्न सरीरा य जोग उवओगे। दवपपसा पज्जव अद्धा किं पुस्वि लोयते ॥२॥ | पुम्वि भंते ! लोयंते पच्छा सन्चद्धा ? जहा लोयंतेणं संजोइया सच्चे ठाणा एते एवं अलोयंतेणवि संजोएयवा | सव्ये । पुधि भंते ! सत्तमे उवासंतरे पच्छा सत्तमे तणुबाए ?, एवं सत्तम उवासंतरं सम्वेहि सम संजोएयवं जाव सम्बद्घाए । पुवि भंते ! सत्तमे तणुवाए पच्छा सत्तमे घणवाए, एयपि तहेव नेयम्वं जाव सम्बद्धा, एवं
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