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प्रहला
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प्रक्षक
(२) कुस्वम । ( Bad dream.) देखो- अह सा ahsa-अ० (ब० व०), हसा, हस्वह .हुल्म।
(ए० व०) हरीरा, दूधी, एक प्रकार का पतला प्रहला ahvala-सं० स्त्री० भल्लातक भिलावाँ ।। आहार है जो साधारणतः स बूस (भसी), शर्करा ( Semecarpus anacardium. ) 1
और बादाम तेल आदि के योग से निर्मित किया श० च०।
जाता है । देखो-हरीरा ( harira)। अहवाल ahvala-अ० (ब० व०) दशा, अक्ष akshah-स) प..
अवस्था, लक्षण । तिब ( वैध क ) की परिभाषा में अक्ष aksha-हिं० संज्ञा प[स्त्री० अक्षा] । मनुष्य शरीर की तीन अवस्थाएँ अर्थात् स्वास्थ्य, (१) विभीतकी । बहेड़ा । (Terminalia रोग, तीसरी अवस्था (हालते सालसा) जो रोगा- _belerica) रा० नि० व०६ । भा० म० रोग के मध्य मानी जाती है, यथा-सहजाधता ४ भा० प्रअन । “जग्ध्वाक्षकामलमायसन्तु ।" आदि।
यदमा• एलादि मन्थ वृन्द० । सि० यो० सिद्ध भट्ठियह, ahviyah-अ० (ब०५०), हवा (ए. मतयोग कु० काम. वृन्द० । वृन्द । (२) व० ) वायु, हवा-हिं० । ( Atmos
कर्ष परिमाण | कर्ष नामक तोल जो १६ माघे phere.)
की होती है । प० प्र० । देखो-कर्षः । अह शा ahsha-अ० (ब) व० ), हशा (ए.
(३) रुद्राक्ष वृक्ष | भा० अने० ३०। व०), वक्षादरान्तरिकावयव, उदर एवं वक्ष के
(४) इन्द्राक्ष । ऋषभक ! (५) सर्प । सॉप । भीतर स्थित अवयव । विसरा Viscera (ब०
(A serpent) मे० । (६) श्वास । दमा । व०), विस्कस Viscus (ए०व०)-३०।
(७) ऋषभक । () देव शिरीष । शिरीष नोट-(१) वक्षान्तरिक अवयव को प्रहशा सदूरी
विशेष । रा०नि० व. है। एवं उदरान्तरिक अवयव को अहशा बत्नी और |
क्ली0 (8) विषयेन्द्रिय । इंद्रिय | रा०नि० पेड़ अर्थात् वस्तिगह्वरस्थ अवयव को श्रह शाउल व० १८ । वा० शा० ३ ० । (१०) सौवर्चल भानह, कहते हैं।
लवण, कालानोन । (Sochal salt)।(19) (२) डॉक्टरी में मस्तिष्क का भी श्रह शा तुस्थक । तूतिया । मे० पद्विकं । (१२) विभीतक में ही समावेश होता है।
फल | (१३) पन बीज । रा०नि० व० ११ । . अह शाउल आनह ahshaul-aanah-अ०
हिं० सज्ञा प० (१४ ) धुरी । किसी गोल पेडू के जोन में स्थित अवयव विशेष । जैसे
वस्तु के बीचों बीच पिरोया हुश्रा वह छड़ वा दंड. जरायु, वस्ति ( मूत्राशय ) श्रादि वस्तिगह्वरान्तर
जिस पर वह वस्तु घूमती है। (१५) Pivot अवयव विशेष । पेल्विक विसरा ( Pelvic
पहिए की धुरी । (१६) Axis वह कल्पित
स्थिर रेखा जो पृथ्वी के भीतरी केन्द्र से होती हुई viscera.)-३० । अह शाउल बत्न ahshaul-batna-० औद
उसके पार पार दोनों ध्रवों पर निकली है और रीय अवयव, उदरके भीतर स्थित अवयव, उदरा
जिस पर पृथ्वी घूमती हुई मानी गई है। शयस्थ अवयव । जैसे- प्रामाशय, यकृत,
(१७) तराजू की डाली। (१८) सोहागा। प्लीहा तथा प्रान्त्र प्रभृति | A bdominal
टंकण ( Borux) । (१६) श्रीख, नेत्र । viscera.
(An eye ) । (२०) गरुड़। (२१) अहशाउस सद्र ahshaushadra-अ० वाक्षीया- FFAİYI ( Born blind)
वयव, वक्ष के भीतर स्थित अवयव । जैसे-हृदय, अक्षक: akshakah-सं० प'. (१) विभीफुप्फुस आदि । थोरेसिक विसरा (Thoracic तकी, बहेड़ा । ( Terminalia beler. viscera)-इं०।
ica ) भा० पू० १ भा० । (२)तिनिश वृक्ष,
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