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.अस्थिभक्षः
अस्थिसाहात अस्थिभक्षः asthi-bhakshah-सं० पु. (पृष्ठ के नीचे का) भाग । यह बहुत ठोस, कठिन
(१) कुक्कुर, कुत्ता (A dog.) । (२) और मजबूत होता है । इसको ही अस्थिवरक कहते
STATISTICA jackal ) citro 1 अस्थि भता asthi-bhakshā-सं० रा. पर्ण- अस्थिविकाश asthi-vikasha-हिं. संज्ञा पु.
वीज, ओषधि विशेष, हेमसागर । धायमारी, (Ossification.) अस्थि बनना । तथा ज. घायपात-मह०। ज़ख़्मे हयात-फा० (Kalan. --अ०। chen lacinia ta, D. C.) वै० निघ० । अस्थि विकाश केन्द्र asthi-vikasha-kenदेखो-ज़ख्मे हयात।
dra- हिं० संज्ञा पु. सेण्टर श्रॉफ अस्थिभेद asthi.bheda-हि. संज्ञा पु० अस्थि
ऑमिफ़िकेशन ( Centre of Ossiभंग हड्डी का टूटना ( Fracturing, brea- fication. ) ई० । मर्का तनज़मिय्यह, king or wounding a bone.)
-अ० । वह स्थान जहाँ कारटिलेज । कुरी ) के अस्थिमजा asthi-majja-हिं० स्त्रो० (Bone. __ भीतर सबसे पहले अस्थि बनती है, अस्थिवि. __marrow.) अस्थिसार । देखो-म...।
काश केन्द्र कहलाता है। अस्थिमय गहनम् asthimaya.gahanam अस्थिवेष्ट asthi-ves hti-हि. संज्ञा पु.
-सं० क्लो० अस्थिकृत् अन्तःस्थ कर्ण । (Osse. ] अवस्थ्यावरक, अस्थियों के ऊपर सौनिक तन्तु से ous labyrinth.)
निर्मित चढ़ी हुई एक झिल्ली विशेष । ( Peri. अस्थि मम्मे asthi-mammu-सं० क्ली. osteum) सिम्हाक्र-अ० ।
मर्म विशेष । ये संख्या में पाठ हैं। यथा-कटि | अस्थिशोथ asthishatha-हि. सज्ञा प.. में तरुण नामक २, नितम्ब में २. असफलक में अस्थि पदाह । (Ostsitis )
२ तथा दो दोनों शखा (कनपुटियों) में हैं । सु० अस्थिशोष asthis ioshi-हिं० संज्ञापु शोष . शा०५०।
रोग, सूखा रोग, अस्थि नैर्बल्य । ( Dryness अस्थिर asthira-हिं० वि० इसका & decay of the bones; rickets.)
सटिक अर्थ चंचल, अस्थायी (Usteady, अस्थिरला.-लिका asthi shrinkhalā,Unstable. ) है, किन्तु वैद्यक की परिभाषा
lika-सं. स्त्री. अस्थिसंहार । हड़जोड़, में इससे अभिप्राय उस संधि से है जिसमें गति
अस्थिशृङ्खल-हिं । हाइजोड़ा-ब० । गुण-वृष्य, हो सकती है अर्थात् चल या चेष्टावंत संधि ।
श्लेष्माजनक, मधुर, रक्तपित्त और वायुनाशक ( Moveable-joints. ) देखो
है। मद० २०७१। संधि ।
अस्थिरूङ्घातः asthi-sanghatah-सं० पु. अस्थिर कठोरता asthira-kuthoratā-हिं० अस्थिमेलन स्थल, हड़ी के शृङ्गादक। ये 1: इस
संज्ञा प.(Temporary hardness.) प्रकार हैं, यथा तीन-तीन एक-एक पाँव में ( एक क्षणिक कठिनता । अस्थायी कठोरता ।
गुल्फ, एक घुटना तथा एक जंधामूल में ) * अस्थिर, वृक्ष us thira-vrikka हिं० संज्ञा पु. और ३-३ एक एक हाथ में (1 पहुँचे, । कुहनी
(Moveable kidney ) गतिमान वृक्क और १ खोदे में ) अर्थात् कुल १२ हुए। एक विशेष।
निक स्थान में और एक शिर में ऐसे सब १४ अस्थिवत् asthivat-हिं० वि० अस्थि के समान, हए (किसी किसीके मत से ये अस्थिसंघात १८ हड्डी जैसा । ( Bony, Osseous. )
होते हैं अर्थात् १४ प्राक्कथित और वन में अस्थिवल्क osthi-valka-हिं०संज्ञा (Cor. जिसे कौड़ी कहते हैं तथा १ दोनो नितम्बों के tex of bone.) अस्थि का सबसे बाहर का
बीच में जिसे ढूढी कहते हैं और दो दोनो अंसकटो
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