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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . र०। श्श्श ७८६ अश्श aashsha अ० दुबला, पतला होना, बारीक अष्टक ashtaka-हिं० संज्ञा . [सं०] - होना, निर्बल या क्षीण होना । अष्ट संख्या, पाठ की पूर्ति, पाठकी संख्या । पाठ श्रश्शउल अबैज़ ashshamaul-a baiza वस्तुओं का संग्रह । जैसे हिंग्वष्टक । .. -अ० सफ़ेद मोम, श्वेत मधूच्छिष्ट | White. अष्टकवर तैनम् ashta-katvara-tailam bees-wax (Cera alba.) -सं० क्ली. यह तैल वातरक तथा उरुस्तम्भ में प्रश्शाउल अस्कर ashshamaul-asfar हित है। योग निम्न है:-अ. मोम ज़ई-फा०। पीला मोम, पीत मधू. तैल ३२ पल (= २५६ तो०), दधि ३२ च्छिष्ट-हिं०। Yellow bees-wax पल (=२५६ तो०), तक्र २५६ पल (=२०४८ (Cera flava.) तो०), पिप्पली और सोंठ प्रत्येक २-२ पल 99" ashshúrá-(Le monia pentap. अर्थात् १६-१६ तो० ( किसी किसी के मत से hylla, Porh.) इं० हे. गा० । दोनों मिलकर २ पल या प्रत्येक १ पल ) इसको अश्शै नमुल मुकरन ashshailumul-mu- तेल-पाक विधि अनुसार पकाएँ। च० द० ऊ. qran-अ० शैलम | गन्दुम दीवाना-फ' । स्त० चि०। प्रस्नेह दधि अर्थात् स्नेह रहित देखो-अगंटा (Ergota.) . दधि या दही का तोड़ और घृत रहित अर्थात् घी अश्व ashhab-अ० श्यामाभायुक्र, श्वेत रंग निकाला हुआ तक ग्रहण करना चाहिए । रस की वस्तु, कालापन लिए हुए सफेद रंग की चीज़, | धूसर, भूरा। अष्टकमल ashtakam:ala-हिं• संज्ञा पु. प्रश्हल ashhala-अ० वह मनुष्य जिसका नेत्र [सं०] हठयोग के अनुसार मूलाधार से ललाट भेड़ का सा बड़ा और कुरूप हो, मेष चक्षु ।। तक के प्राकमज जो भिन्न भिन्न स्थानों में माने मेश चश्म-फा०। गए हैं अर्थात् मूलाधार, विशुद्ध, मणिपूरक, अश्हायून ashhāyāsa-रू. कायफन ,कट फल । स्वाधिष्ठान, अनाहत (अनहद ), प्राज्ञाचक्र, ( Myrica sa pida. ) सहस्रारचक्र और सुरतिकमल । । अश्हार as hāra-रू. तोदरी । See--To अष्टकर्म ashta-karmma-सं० क्लो० पारण dari. के पाठ संस्कार । पारद के १० कमों में से अषाढ ashadha-हिं० संज्ञा प. [सं० आषाद] स्वेदनादि से दीपन पर्यंत आठ प्रकार के संस्कार । चौथा महीना | वह महीना जिसमें पूर्णिमा पूर्वाषाढ़ वे निम्न हैं:में पड़े । असाढ़ । आषाढ़ । 'The Hindu (१) स्वेदन, (२) मईन, (३) मूखंच, third solar month ( June-July, (४) उत्थापन, (५) पातन, (६) वोधन, during which the sun is in Gemi - (७) नियामन और ( = ) दीपन । र० सा. ni, and the full moon is near - सं० । इनको विधि अपने अपने पर्यायों के ashadhā अपाढ़ा more properly सम्मुख देखें। called Poorv-ashadha पूर्वाषाढ़ा or Uttarashadha उत्तराषाढ़ा a constell अष्टका ashtaka-सं० स्त्री० वृक्ष भेद । (As. "ation Sagittarius.)। (२) व्रत .. rt of tree.) हे० च० । ( Austerity)। (३) पलाश दण्ड । अष्टकुलashta kula-हिं० संज्ञा प [सं०] अष्टंगी ashtangi-हिं० वि० दे० अष्टांगी। | पुराणानुसार सौ के पाठ कुल; यथा-शेष, 5ष्ट ashta-हिं० वि० [सं०] संख्या विशेष, वासुकि, कंबल, कर्कोटिक, पद्म, महापश्न, शंख . आठ । एट ( Eight.)-३० । |... और कुलिक । किसी किसी के मत से-तक्षक, For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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