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अवीवरन्
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प्रवासी अवीवरन् avivaran--सं० वरण या वरुण नामक अवेद्या avedya-हिं० वि०, स्त्री० [सं०] वह वृक्ष बरना । ( Crateva tapia) स्त्री जिससे विवाह नहीं कर सकते। विवाह्य अथव० । सू० ८५ । १ । का०८ ।
स्त्री। अवीसम् avisam--फा० सादर, पुदीना कोही । अवेना avena-ले. देखो-अवीना । साथर, साथल-हि।
अवेन्स avens-ई० वाटर अवेन्स ( Wate 1अवीसीनिया ऑफिसिनेलिस avicennia avens. )
officinlis, Lin-ले० बीना-बं० । अवेर होश्रा एसिडा averrhoa acidaमड, नल्लमड-० । तीवर-सिंध। श्रोएपटा
| ले० हरफारेवड़ी । देखो-अवीर होश्रा मल० । थमे-बर।
एसिडा । प्रयोगांश-स्वक, गिरी व भस्म ।
अवेल a vela-नारियल का तेल, नारिकेल तैल । उपयोग-रङ्ग व भक्ष्य। .. .
( Cocoanut oil. ) अवीसानिया टोमेण्टोसा avicennia. to- अवेला avela-सं० स्त्री० पुग चचित, चिकनी
mentosa, Jacq.-ले० व्यना-हिं०, बं०। सुपारी। चिबन-शुपारि-बं० ।। तिम्मर-सिंध । नल-मड-ते०। (Avicen
अवेश avesha-हिं० संज्ञा पु. [सं० श्रावेश] nia, Downy leaved.)
(१) किसी विचार में इस प्रकार तन्मय हो प्रयोगांश-मूल व बीज ।
जाना कि अपनी स्थिति भूल जाय। आवेश । उपयोग-औषध ।
जोश । मनोवेग ।।२) भूतावेश । भूत चढ़ना। अवीसीनिया, डाउनी लीव्हड avicennia | किसी भूत का सिर श्राना । भूत लगना ।
downy leaved-इं० बू अली सीना, बू अवेक्षण ..vekshana-हिं० संशा ५० [सं०] अली, बीना । ( Avicenni.n toment- [वि. प्रवेक्षित, अवेक्षणीय ] (१) अवलोकन, osa.) ई० हैं. गा० ।
__ देखना । (२) निरीक्षण । जाँच पड़ताल । अवुकः avukah-सं० पु. छाग, बकरा । ( A| अवैद्य avaidya-हिं० वि० [सं०] जो वैद्य न .. goat.) श० र०।
____हो । जो वैद्यक शास्त्र को न जानता हो । अवरा avāra-हिं० श्रामला, बरा । ( Phy- | अवाइस avois-हिं० अरुई, घुट्टयाँ । ( Coloc• llanthus emblica.)
__asia antiquorum.) मेमो०। प्रवृद्धः avriddhah-सं० पु. पुष्प वृक्ष भेद, अशेदम् avodam-60 कली. श्रादक, प्रादी,
पाषाण पुष्प । पत्थर फुल-मह०। वै० अदरक । (Zingiber officinalis.) निघ०।
जटा। अवेगी avegi-सं. स्त्री० विधारा । वृद्ध दारक । अवांतर Vāntara-हिं० वि० [सं० अंतर्गत । रा०नि०।
मध्यवर्ती । बीच का । अवेद्यः avedyah-सं० पु. ।,
. संज्ञा पु० [सं०] मध्य । भीतर। बीच | अवेद्य avedya-हिं० संज्ञा () गो
यौ०-अवांतर दिशा-बीच की दिशा । धस्स, बछवा, बछड़ा । ( A calf.) शु० विदिशा। र०। (२) नादान बच्चा । ।
___अवांतर भेद-अंतर्गत भेद । भाग का भाग । वि० [सं०] (1) अज्ञेय । (२) प्रवासी avansi-हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० अवाअलभ्य ।
सित ] वह बोझ जो फसल में से पहिले पहल
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