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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनामन अर्जिय्यह ७.४ अलामत मुगिरह . चीन मिश्र देशीय वैद्य अलामत के स्थान में स्थानीय शोथ । लोकल सिम्पटम् ( Local इसका पर्याय 'भ' निर्धारित करते हैं। Symptom)-ई। साइन उस अलामत का नाम है जो केवल अलामत मबय्यिनह, aalanata-maba. । रोग में प्रगट होता है और सिम्पटम् रोग व yyinah स्वास्थ्य दोनों बक्षणों के लिए बोला जाता है। अस्तु, जो अन्तर दलील व अलामत में वर्णित a , Tant दलालत dalilata हुआ वही भेद सिम्पटम् व साइन में है। इण्डि. अ. वह लवण जिससे वैद्य को रोग का पता केशन भी साइन और दलील का पर्याय है। लगे। उदाहरणतः नाड़ी व कारोरा (मत्र) अलामत अजिय्यह् aalamat-aarziyyahi प्रभृति । इण्डिकेशन ( Indication ), -अ. वह लक्षण जो किसी अवयव के अवारि ज़ साइन ( Sign )-11 अर्थात् उसकी सुन्दरता व कुरूपता से सम्बन्ध अलामत मुख्तलितह, aalamata-mukhta. रखता हो, उसके शरीर या जौहर या उसकी litah-अलामत मुरकबह -१० । संयुक या मिक्रिया से सम्बन्ध न रखता हो। देखो--अलामत श्रित लक्षण । वह लक्षण जो अन्य लक्षणों से . जौहरिय्य। संयुक्त या मिश्रित होकर व्यक होता है अर्थात् एक रोग के विमिन लक्षणों का परस्पर मिलकर अलामत प्रामह aalamat-aamah प्रगट होना। अलामत मिज़ाजियह arlamat-mizajiyab | उदाहरणतः-ज्वर में शिरःश ल, इन्द्रियों --अ. सामान्य लक्षण, मिज़ाजी अलामत, वह का टूटना व मतली प्रभृति का परस्पर मिलकर लक्षण जिसका सम्बन्ध समग्र शरीर से हो या जो प्रदर्शित होना । कम्प्लेक्स सिम्प्टम् ( Compसमग्र शरीर में प्रगट हो। जैसे ज्वर में सम्पूर्ण lex symptom ), सिण्ड्रोम ( Syndroदेह का गर्म होजाना। me )--इ । अलामत जौहरिय्यह. aalamat-jouhari- | अलामत मुजकिरह aalanata-muzakki. yyah-३० (१) वह लक्षण जो अवयव के rah-० स्मरण कराने वाला लक्षण, स्मारक शरीर व सत्ता से अर्थात् उनकी सृष्टि व उत्पत्ति | चिन्ह, वह लक्षण जो किसी रोग द्वारा उपस्थित से सम्बन्ध रखता है। (२) जो लक्षण अवयव | निर्बलता में व्यक्त होकर उस गत रोग को के अवारि (कुरूपता वा सौंदर्य)से संबंध रखते स्मरण कराए, परन्तु उस रोग से उसका कोई हों उन्हें "अल्लामात अजिय्यह" कहते हैं । और विशेष सम्बन्ध न हो। कन्सीक्युटिव सिम्पटम (३) उन लक्षणों को जो अवयवों के कार्य से (Consecutive symptom)-इं। सम्बन्ध रखते हों उन्हें "अलामात तमामिय्यह" अलामत मुन्अकिसह aalan at-in.unaaki. कहते हैं। sinh-१० परावर्तित लक्षण, वह लक्षण जो रोग अलामत तमामिय्यह, aalamat-tamami- से दूर किसी अवयव में प्रगट हो। yyah-१० वह लक्षण जो किसी अवयव की । उदाहरण-वृकशूल में वमन होना या क्रिया से सम्बन्ध रखता हो, उसके शरीर वा रूप कतिपय मास्तिष्क रोगों और गर्भावस्था में से उसका कोई भी सम्बन्ध न हो। देखो वाम्ति व उबकाई का माना । रिफ्लेक्स सिम्प्टम अलामत जौहरिय्यह। (Reflex symptom ) अलामत मकामिय्यह aalāmat-maqami- | अलामत मुजिरह alamat-munzirah yyah-१० स्थानीय लक्षण, वह लक्षण जिसका| अ. भयभीत करने वाला लक्षण, पूर्वरूप, वह ... सम्बन्ध शरीर के किसी विशेष भाग से हो जैसे- लक्षण जो किसी रोगसे पूर्व उसके उत्पन होने का For Private and Personal Use Only
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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