________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
'अलनॆन्थेरा सिसीलिस
७००
.भलस
num trilo batum, Linn.)-ले० । ष्मती। मालकांगुनी-हिं । लताफट्की-ब' । टूड बुल्ले-ता। मूंडल-मुस्तह अचिन्त-कुर-ते। (Cardiospermum halicrca bum). मोट -रिंगनी मूल-मह० । नाभि-प्रकुरी-उड़ि०। "वत्तुलपक्वरक्रफलापीत तैला काकमई निका" ई० मे० प्लां० ।
सु० सू० ३८ अर्कादिव० उ० । अलवणा वार्ताकी वर्ग
अर्थात् मालकांगुनी तीब्र, कफ, मेद तथा कृमि (N.O. Solanacee.)
विनाशिनी है। अत्रि०।। २) हरीतकी हड़। उत्पत्तिस्थान-पश्चिमी डेकन प्रायद्वीप, (Terminalia chebul, Retz.) मद० कोंकण से दक्षिण की ओर । प्रयोगांश-मूल, व०१। पुष्प, पत्र तथा फल ( Berries. ) और अलवाँती lavanti-हिं० वि० स्त्री० [सं० कोमल अङ्कुर । यह एक प्रकार की बेल है।
बालवती] (स्त्री) जिसे बच्चा हुअाहो । प्रसूता । प्रभाव तथा उपयोग-इसके पत्र तथा मूल
जच्चा। स्वाद में कटु होते हैं और क्षय रोगियों में इन्हें
अलवाई alavai -हिं० वि० स्त्री० [सं० बालअवलेह क्वाथ वा चूर्ण रूप में बर्तते हैं । अवलेह
वती, हिं० अलवाती ] (गाय वा भै स ) जिसको चायके चम्मचसे ॥ चम्मच भर दिन में दो बार
बच्चा जने एक वा दो महीने हुए हों । बाखरी देते हैं । कासमें पुष्प तथा फल ( Berries) उपयुक्त होते हैं । ऐन्तली ।
का उलटा । यह हुद्रकरटकारी की प्रतिनिधि रूप से प्रयुक्त | अलविन्द Navinda-सिंध तेन, तिन्दुस, तेनसी होता है। डॉइमाक।
-उ०प०सू० । (Dios pyros cordifolia) अलन्थरा सिसीलिस larpanthera sess., अलश alish-पं० अमलतास । (Cassia fistuilis-ले० मोकनु-वन्ना-सिंगा० ।
la.) मलल बछेड़ा alala-bachhera-हिं. संशा | अलशी यरणे alashi yonne-कना० प्रक्षसी पुं० [हिं० प्रल्हड़+बछेड़ा ] घोड़े का जवान |
___ का तेल । (Linseed oil) स० फा०१०। बच्चा ।
देखो-अतसी। मलले alale-मैसू०
अलशी nashi-हिं०, गु० जावा, म०, को, अलले कायि alale.kayi-कना.
ब, कना० अतसी । (Linseed) हन, पीली हड़, हरोतकी। ( Terminalin अलशी विरई alashi-virai-ता. अतसी, chebula, Retz., स. फा० । ।
अलसी, तीसी-हिं० । Linseed (Linअललेपिन्द alale-pindu-कना० बाल हड़,
___um usitin tissimum) इं. मे० मे। जंगली हड़। (The young dried fruits अलसा,क: alasah,-kah-सं०पू० of Terminalia chebulu, Reta) अलस ॥lasa-ह. संज्ञा पुं० स० फा०1०।
(1) पाद रोग विशेष । पाव का एक रोग अलले हुव्वु alale-huvvu-कना० हड़ पुष्प,
जिसमें पानी से भीगे रहने या गंदे कीचा में परे हड़े का फूल । हरीतको पुष्पम्-सं०। ( The
रहने के कारण उँगलियों के बीच का चमडा सद gall-like excrescenses found on कर सफेद हो जाता है और उसमें खाज, दाह the leaves & young branches of
और चीस युक्त पीड़ा होती है । खरवात | कंदरी। T. Chebula)
खार | सु०नि० १३ । अलल्लाँ alallan हिं० संज्ञा पुं॰ [?] घोड़ा। (२) विसूचिकाकी एक अवस्था है। अजीर्य -डिं।
रोग का एक भेद । विषाजीर्ण, रसाजीण और मालवणा alavana-सं० सी० (1) ज्योति- दोषाजीण भेद से यह तीन प्रकार का होता है।
For Private and Personal Use Only