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साधारणत: खाली पेट में वेदना हुआ करती और अलम् aelam-रसा. हदसाल, हरिताल। पाहार ग्रहण करने पर वह कम हो जाती है। (Yellow orpiment)
उदराध्मान, | मलम alam-मल० कुम्बी-सं०,६०, हि०। वकुम्भ पाटोप तथा दाह होता है । डकारें भाती हैं, __ -ते। ( Careya arborea.) मे० नीमचलाता है और प्रायः वमन हो जाता है।
मे०। अर्वाचीन मिश्र देशीय चिकित्सक इस रोग को भलम् alam-१०
(ए० ० ), क्रतुल् कल्ब लिखते हैं जिसको सही अंगरेजी मलम alama-हि. संज्ञा पं० मालाम (ब. पर्याय हार्टबर्न ( Heartburn ) है। और व.)। रंज,दुःख दर्द, कष्ट,वेदना, म्यथा, पीड़ा। जिसको उर्दू में कलेजा जलना तथा हिन्दी में पेन ( Pain), एक (Ache)-ई । हदाह कहते हैं । अंगरेज़ी ( आंग्ल भाषा) हकीम जालीनूस के वचनानुसार मनुष्य का में इसे कार्डिएरिजया (Cardialgia) भी प्रकृतावस्था से अप्रकृतावस्था की भोर चला कहते हैं जो अपने अर्थ के अनुसार वलवाद
जाना "अलम" कहलाता है। फिर चाहे उसे का बिलकुल सही पर्याय है।
उक्र अवस्था का बोध या ज्ञान हो अथवा न हो वउल मिअ दह (आमाशय शूल)--
यथा-व्यथित व अचेत होना । किन्तु शेख्न का इसमें प्रामोशयिक स्थल पर कठिन वेदना होती
वचन है कि विरुद्ध वस्तु का बोध होना ही अलम् है जिसकी टीमें वाम स्कन्ध पर्यन्त जाती हैं। कहलाता है। यथा-किसी बुरे समाचारके सुनने वेदनाधिक्य के कारण रोगी बेचैन हो जाता है
ले अथवा किसी तिक या स्वाद रहित वस्तु को और जलशून्य मत्स्यवत् लोटता है तथा प्रामा
चखने से कष्ट प्रतीत होता है । अस्तु, दोनों परिशय के स्थान पर दबाता है।
भाषाओं के पारस्परिक भेद का परिणाम यह है सूचना--तिब्बी ग्रंथों में वलवाद के
कि जालोनूस अचेत व मूञ्छित व्यक्ति को भी जो लक्षण लिखे हैं वे वस्तुतः वल्कल्ब के
दुःखान्वित "मुब्तलाए अलम्" कहता है;
किन्तु शेख चूँकि "अलम्" की परिभाषा लक्षण हैं। किन्तु, वल मिझदह, (प्रामाशय
में बोध व ज्ञान की सीमा निर्धारित करते शूल ) के लक्षण भी इसके बहुत समान होते
हैं । अतः वे अचेत व मूछित व्यक्ति को हैं। इसलिए रोगविनिश्चय में दिक्कत होती है ।
दुःखान्वित नहीं कहते । वास्तव में यदि ध्यानपरन्तु वल्मिझदह, में तीक्ष्ण अचेतता नहीं होती और न तात्कालिक प्राणनाश का भय
पूर्वक देखा जाए तो दुःख वही है जिसका बोध हो।
अस्तु शेख की उक्त परिभाषा अधिक सही और होता है।
अनुमेय प्रतीत होती है। अलमूल alamil-सं० गावज़बाँ-बम्ब०। अलमोस: alamosab--सं० पु. मत्स्यभेद
नोट-प्राचीन फारसी व घरबी तिठबी ग्रंथों (A sort of fish) वै० निघ० ।
में व्यथा के लिए व शब्द व्यवहृत हुश्रा है।
किन्तु श्रवोचीन मिश्र देशीय हकीम अब वजन अलमोसा alamosa--हिं० प्र(इ)मली । ( Ta
(वेदना) के लिए प्रायः मलम् शब्द को व्यवहार marindus Indicus.)
में लाते हैं । अस्तु, निम्न शब्द उन्हीं के ग्रंथों से मलम् alam-अन्य [सं०] यथेष्ट । पर्याप्त । पूर्ण ।
उद्धत किए गए हैं। काफ्री । ( Enough, sufficient.)
अलम् और वजन का भेदअत्तम alam-फा० (,) अदरक, मादी ' (Zingiber officinalis ) देखो
उल्लामह, कुर्शी के वचनानुसार जिस दई का
बोध विशेष स्पर्श शक्रि द्वारा हो उसे वज्मा और आईक । (२) कंगुनी, चीना । (Panicum
जिसका बोध सामान्य अर्थात् सावानिक या i verticillatum. )
सामूहिक बोध शक्ति द्वारा हो उसको अलम् नाम
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