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:: कहते हैं। सु० नि० प्रमेह चि०६अ। मा० | अलना alata -हिं० पु., बं० पालता,
नि01 (२) शूक दोष विशेष। लक्षण-जो अलजी पालनाalata S लाख का रंग, महावर । प्रमेह पिड़काओं में वर्णन हो चुकी है यदि उसके (Cotton strongly impregna ted: लक्षणों से युक्र फुन्सी हो तो उसे "अलजी" I with the dye of lac ready to जानना चाहिए। सु०नि० शू० दो० चि० १४ be used for dyeing etc.). प्र.1(३) नेत्र-संधि रोग विशेष । ... । Haars Fil TA alataí-ká-rasa-foto I लक्षण--नेत्रों की सफ़ेद और काली संधियों
अलता को रस alata-ko-rasa-जय० , में जो पूर्वोक्र (प्रमेह पीड़का के ) लक्षणों वाली महावर, अलता का रस । See--alata. फुसी उत्पन्न हो जाती है उसे "अजजी कहते हैं। अलतून alatuna-तु० शेर का नाम, सिंह । (Aपर्वणी और अलजी में केवल इतना ही भेद है कि | lion. ) पर्वणी छोटी फुसी है और अल जी बड़ी है। मा० अलन्नता alannata )-हिं० स्त्री० नीमच्छद, निः । अथर्व० । सू० ८ । २० | का० ८। . अलन्नदा alannada | इन्द्रवल्ली-सं० । (४) वम के बाहर की ओर कनीनिका में
___ एक वृक्ष है जिसकी शाखाओं पर लघु एक कठोर और ऊँची गाँठ होती है। उसका रंग श्यामवर्ण के कण्टक लगे होते हैं । पत्र तांबे के सदृश होता और पंकने पर वह राध एवं ||
मोतिया पत्र सदृश किन्तु उनसे लघु तथा मृदु रुधिर बहाने वाली होती है, उसे "अलजी". और फल फालसा के बराबर होते हैं। अपक्वा. कहते हैं । यह बारबार फूल जाती है। वा० सं०
वस्था में हरितवर्ण और अम्ल स्वादयुक्र किन्तु श्र० । (५) कनीन के बीच में वेदना, तोद |... पकने पर रक्राभायुक्र श्यामवर्ण के और खटमिट्ठ और दाहयुक्र जो सूजन होती है उसको "अलजी" ... हो जाते हैं। इनके भीतर त्रिकोणाकार बीज होते कहते हैं । वा० सं० १०१०।।
- हैं। जड़ टेढ़ी होती है। ... ... ... ... (६) वाग्भट्ट के अनुसार इसके निम्न लक्षण | अलफ aalaf-अ० अमलान (०.व०) चारा, हैं-अलजो नाम की पिटिका उत्पन्न होते समय .. पशुओं का चारा । ( Fodder). "स्वचामें जलन पैदा करती है। ये अस्यंत कष्ट देती अलफ़क दाग aalafak-dagha-०, फा
और फैलती हुई चलो जाती हैं। इनका वर्ण जुह । एक घास है । (Agrass.) काला वा लाल होता है और इनमें तृषा, स्फोट, सलफ़क हिन्दी aalafak-hindi-ऋ० बाच दाह, मोह और ज्वर ये उपद्रव होते हैं । वा० (एक सुगन्धित तृण है। इसके सम्बन्ध में और
: बातें नहीं मालूम हो सकी)। अलaalanja अ०. इसके स्वरूप में मतभेव है। अलफ़ गोरखर aalafaigorkhara-०,फा० अलारः alan jarah-सं०.पु. बहु जलधर- इजनिर । रोहिष तृण । ( Andropogon
मृणमयपात्र । जाला-ब० । सुराही-हिं । संस्कृत : scheeranthus.) ___पर्याय-अलिअरः, माणिकं । अ० टो० भ०। अलफजन alafajana-हिं० धारो, उस्तो खुइस अलङ्गरः alanjurah-सं० पु. मिट्टीकी सुराही। ... (Lavendula stoechas.) मे० मे। (Jar:) .
| अलफ़ मुहलिक aalafa-muhlik-अ० कुटकी, मलत alat-ऋ० कालो तुलसी । ( Ocimum |
कटुकी । ( Helleborus.) . gratissimum...) अलत: alat-अजिसके दाँत कीदों ने खाए हो अलफ़ शोरदार aalaf-shirdir-फा भेद.
पर दन्तमूल अवशेष रह गए हों।:: . - मेष । (A sheep.). अलत माकन alat-maqun-यु० जावित्री । अलफ़ हिन्दी aalafa-hindi-यु. सकरदियन, 3 Mace Myristica fragrans, जंगली लहसन । (Wild garlic.).. Hoats. Flower of-..)
अलपफ alaffa-अ. वह जो स्पष्ट मापबन करसके ।
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