________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
अर्क सोडा मुरकंब व सम्मुलफ़ार
अर्क हाज़िमः - मात्रा व सेवन-विधि-प्रातः सायं व अर्क परिनु त करें । पुन: इस अर्क में उपयुक मध्याह्न १-१ तो.।
औषध भिगोकर दूसरे दिन दोबारा अर्क गण-धर्म-सूज़ाक के लिए यह अत्यन्त लाभ- परिनु त करें। जनक सिद्ध हुआ है । इसे व्यवहार में लाने से __ मात्रा व सेवन-विधि-१॥ तो. उपयुक्त मूत्रदाह, वेदना, रक, पीव तथा क्षत सम्बन्धी औषध के साथ। सम्पूर्ण शिकायतें दूर हो जाती हैं।
गणधर्म-राजयक्ष्मा में अत्यन्त लाभदायक नोट-हिन्दुस्तानी दवाखाना देहली का सिद्ध हुआ है । मूत्र दाह, सृज़ाक और मूर्छा के खास नुसना है जिसे जनाब मसीहुलमुल्क हकीम लिए भी गुणदायक है तथा उत्तमांगों को बल अज्मलखा साहब ने अपनी असीम कृपा से प्रदान करता है। प्रधान गुण-राजयक्ष्मा के लिए अपने गुत योगों में से प्रदान किया था ।
विशेषकर लाभप्रद है। अर्क सोडा मुरकब ब सम्मुल्फ़ार aarq-soda अपथ्य-उष्ण एवं शुष्क वस्तु । murakkab ba sammulfár
नोट-यचमा के लिए जनाब मसीहुल मुल्क ( Liquor sodii arsenatis) देखो- हकीम अजमलख़ाँ साहब का मुख्य नुसता है । संखिया।
| अर्क हाज़िम aarq hazim असोय aarq-soy
अर्क हाज़िम जदीद aarq hazim jadid ,
-अ० पाचकार्क। अक़ शिब्बित aarq-shibbit ! अ० सोया अर्क शविद,-त āarq shavid,t (आ) का
निर्माण-विधि-- बबूल की छाल १० सेर,
किशमिश हरा, तथा मिश्री प्रत्येक ५ सेर, लहअर्क । Dill water ( Aqua anethi)। देखो-शतपुष्प ।
सुन, लौंग प्रत्येक १ तो०, ऊद की २ तो०,
सफ़ेद चन्दन २२ मा०, बीख बनफ़्सा अर्क सौंफ aarg-sounf-उ० सौंफ का अर्क ।
१८ मा०, सुअदकोफ़ी ( नागरमोथा ) Anise water (Aqua anisi ) देखो
१० मा०, पोस्त तुरा ४ तो०, बहमन सौंफ।
सफ़ेद व लाल, शकाकुल, सालबमिश्री, तेजपात, अर्क संखिया तुर्श āarq-sankhiya tirsha
दालचीनी, गुलगावज़ बान हरएक २ तो०, खस -9. (Liquor arsenici hydrochl
४ तो०, बड़ी इलायची का दाना ५ तो०, जाय_oricus ). देखो-संखिया।
फल, जावित्री, हरएक २ तो०, केशर १ तो०, अक हड़ताल aarq-halatal-40 हड़ताल
अम्बर ६ मा०, अम्बर व केशर के सिवा शेष का अर्क । देखो-हरिताल ।
सम्पूर्ण औषधों को रात्रि भर उष्णा जल में अर्क हराभरा जदीद aarq-harābhara- भिगोकर प्रातःकाल १० बोतल अर्क परिस्र त jadid-१०
करें । केशर व अम्बर की पोटली अर्क खींचते योग निर्माण-कम-लाल व सफेद चन्दन,
समय नीचे के मुंह में रख दें। इस अर्क में खाश, पद्माख, नागरमोथा, हरी गिलोय, शाहतरा,
समग्र औषधों को पुनः तर करके फिर दस नीम की छाल, गुल नीलोफर, तुहम कासनी,
बोतल अर्क खींचें । सौंफ, कह के बीज, नेत्रबाला, धनियाँ, तुलसी मात्रा व सेवन-विधि-सवा तो० यह अर्क के बीज, बहेड़े की जड़, इक्षुमूल, जवासा की जड़, किसी उपयुक्त शर्बत के साथ या वैसे ही कासनी की जड़, धमासा, मुलेठी, मुण्डी, इला- पिलाएँ। बची छोटी, कोकनार (पोस्त का डोंड़ा ) हरएक गुण-धर्म-आमाशय के सम्पूर्ण दोषों को एक तो०, रात को जल में भिगोकर यथा विधि | दूर करता है। पाचक, क्षुधावद्धक, शरीर में
१
For Private and Personal Use Only