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अर्क arqa
-अ० अनिद्रा, निद्रानाश, नाद
अरोडिस वाहन, मरिच, रामठम् ( हींग), मधुर, अम्ल, चि०। (६) यन्त्र द्वारा परिस्रुत किया हुआ द्रव्य तथा तिक पदार्थ, देहमार्जनी अरूचि रोगीके लिए सारांश । ये द्रव्य हितकारक अर्थात् पथ्य हैं। अपथ्य - देखो-अर्क या अरक । पारक-बं० । (Aq. कास, उद्गार ( डकार), क्षुधा, नेत्रवायु तथा ua)। (७) सूर्य ( The sun )। (८) वेगों का रोकना, अहृय अन्न सेवन, रक्रमोक्षण, किसी चीज का निचोड़ा हुआ रस । राँग स्वरस । क्रोध, लोभ, भय, दुर्गन्ध रूप का सेवन अरुचि Juice ( Succus ) देखो-अरक। रोगो के लिए अपथ्य हैं।
वि० [सं०] पूजनीय। अरोडिस arodis-अण्ड चिकरस्पी-बं० । बोता, पोमा-प्रासा।
सहर sahrat-अ० अनिद्रा, निद्रानाश, नींद प्ररोहन arohana-हिं० संज्ञा पु० दे०
___न आने का रोग-हिं० । पर्विजिलियम (Per प्रारोहण ।
___vigilium ), इन्साम्निया( Insomnia) अरोहना arohana-हिं. क्रि० अ० [सं०
-ई० । देखो-सहर । प्रारोहण ] चढ़ना, सवार होना ।
अर्कāark-श्र० प्रार्तवमती, ऋतुमती होना, स्त्री
का मासिकधर्म होना, ऋतु स्नान करना । अरोही arohi-हिं० वि० [सं० प्रारोही ] सवार
( Menstruation) होने वाला। संज्ञा पु. [ सं० आरोही ] आरोही, अर्क āarq-नजद० (१)शुष्क वा अर्धपक्क छुहारा
(Dried or half matured date ) सवार।
-अ०(२) भपका (वारुणीयन्त्र)द्वारा परित अरघुषः- aranghushah-सं० पु. तुम्बा | ( कड़वी तुम्बी)। अथर्व० । सू० ४।४।
वारि । निर्मल परिस्रुत वारि जो औषधों से
स्रवण क्रिया द्वारा प्राप्त होता है। वह पानी जो का. १०।
बीज, मूल, पुष्प अोर पत्र प्रादि से विशेष विधि अर्कः arkah-सं० पु० . (१) प्राक,
द्वारा प्राप्त किया जाता है। अर्कः-सं०। अर्क अर्क arka हिं• संज्ञा पु.।
-हिं० । डिस्टिल्ड वाटर Distilled waप्राकन्द, मन्द(द)र-हिं० । प्राकन्द गाछ-बं!
ter.-ई। एक्का डिस्टिलेटा Aqua disti. रूह-मह । अक्के-क० । जिल्लेटु-चेटु-ते।
llata.-ले० । अरक्र-अ.। ( Calotropis gigantea., syn.
नोट-अर्क खींचने में जिस क्रिया का अवAscle pias gigantea. ) ग०नि० व.
लम्बन किया जाता है उसको स्रवण (चुश्राना) ११ । भा० पू० १ भा० । मद० व०१ । (२)
विधि कहते हैं। इसी विधान द्वारा शुद्धासव एवं ताम्र, तामा, तोबा । Copper (Cuprum.) मे० कद्विकं० । लोक्यडम्बर रस | वे० निघ०
अतर भी प्राप्त किए जाते हैं। और जिस यन्त्र
द्वारा उक्त क्रिया सम्पन्न होती है उसे नाड़ीयंत्र वा वा०व्या०चि. चिन्तामणि रस । (३) स्फटिक, फिटकिरी | Alum ( Alumen. )
वारुणी निर्माण में प्रयुक्र होने के कारण वारुणी
यंत्र कहते है । पूर्ण परिचय हेतु क्रम में उन मे० कद्विकं० । (४) अरुणार्क, लालमन्दार ।
शब्दों के सम्मुख अवलोकन करें । (Calotropis gigantea, the red var. of:) प० मु० । भा० पू०१ भा०।
अर्क खींचने का संक्षेप इतिहास(१) श्रादित्य पत्र पुष्प, आदित्यभक्ता, हुलहुल ।
आर्यों के उन्नति काल में सन्धान विधि द्वारा (Cleome viscosa, Linn.)। रा०नि० फलों और कतिपय वनस्पतियों के पासव प्रस्तुत व. ४ । “अर्को रकपुष्पः प्रसिद्धः" । सु० सू० किए जाते थे। परन्तु, क्रमशः बिना सन्धानके ही ३७ म० अर्कादिव० । ३६ अ शिरो० वारुणीयंत्र द्वारा बीज, पत्र एवं काष्ठ का प्रभाव
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