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धारकरः
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स्वरस १ भाग, गंधक 3 भाग, और दही १ भाग, इन तीनों को ताम्र पात्र में अग्नि पर गरम कर तरखुजली ( Scabies ) एवं ( Maggots ) द्वारा जनित चतों में लगाते हैं । डाइमा |
最後
फल कटु, संकोचक और और वायुनिस्सारक ( श्राध्मानहर ) है । इं० मे० मे० ।
अरङ्गरः arangarah - सं० पु० कृत्रिम विष । ( Artificial Poision. ) वै० निघ० । श्रङ्गुदी arangadi - सं० स्त्री० माधवीलता ।
( Fee-mádhavilata) बै० निघ० । श्ररचरु aracharrú- सिमला० मसुरी, मकोला
- ६ि० । रसेलवा, पजेरी-सिमला० । भोजिन्सी - तैपा० | ( Coriaria nepalensis. ) मेमो० ।
श्ररचि arachi - हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० श्रर्चि ] ज्योति | दीप्ति । श्राभा । प्रकाश | तेज । घरची arachi - ता० काळनार, कचनाल, अश्ता - हिं० । ( Bauhinia variegata.) मेमो० ।
arachu- गढ़वाल हिन्दी रेवतचीनी | मेमो० |
अरजãaraz-०
ति की परि
} मुज्ञ अफ muzáāafah भाषा में उस अस्वाभाविक दशा या व्याधि का नाम है जो अन्य रोगों के कारण अर्थात् उसके श्राधीन होकर उत्पन्न होती है । उदाहरणतः वह शिरःशूल जो किसी उबर के श्राधीन होकर जनित होता है अरज्ञ ( उपसर्ग, उपद्रव ) कहलाता है । कम्प्रिकेशन (Complication.), सिम्प्टम् (Symptom. ) - इं० 1
अलामत और अरज का भेदइन दोनों में मुख्य और गौय का अन्तर है. अर्थात् श्रर अलामत की अपेक्षा मुख्य वा मधान है । क्योंकि अलामत ( लक्षण ) स्वास्थ्य तथा रोग प्रत्येक दशा के लिए प्रयोग में श्राता है और फिर कभी यह स्वास्थ्य एवं रोग से पूर्व और कभी पश्चात् होता है। इसके विपरीत
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अरजल
अज़ ( उपसर्ग ) रोगाक्रमण के पश्चात् ही पाया जाता है और उसके श्राधीन होता है । अस्तु, निम्नोष्ट - स्फुरण वमन होने की अलामत (रूप ) कहा जाता है; किन्तु उसको सूरज नहीं कहा जा सकता । क्योंकि वह रोग ( वमन ) से पश्चात् नहीं, प्रत्युत पूर्व में पाया जाता है । अलामत और दलील का भेद देखो चलामत में ।
डॉक्टरी नोट- कम्प्रीकेशनका शाब्दिक अर्थ परस्पर संश्लिष्ट (लिपटना) या द्विगुण होना है । डॉक्टरी की परिभाषा में दो या अधिक व्याधियों का एक ही काल में उपस्थित हो जाना अर्थात् एक ही रोगके वेग पथमें अन्य रोग वा व्याधियों का उत्पन्न हो जाना है, जिनका स्थायित्व प्रथम रोग पर निर्भर होता है। दूसरे शब्दों में यह पूर्व व्याधि के श्राधीन होते हैं ।
अर्वाचीन मित्रदेशीय चिकित्सक उक्त शब्द की रचना तथा उसके मौलिक शब्दार्थ को दृष्टि में रखकर मुजाह् संज्ञा को उसके पर्याय रूप से प्रयोग में लाते हैं । परन्तु तिब की परिभाषा में उसका वास्तविक प्राचीन सत्य भाव अज़ शब्द से प्रकट हो जाता है । श्रस्तु इसे यहाँ ग्रहण किया गया है।
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सिम्पटम का शाब्दिक अर्थ परस्पर घटित होना है । किन्तु डॉक्टरी परिभाषा में उस परिवर्तन को कहते हैं, जो रोगकाल में उपस्थित होता है धौर जिससे उक्त व्याधि की उपस्थिति का पता लगता है । अस्तु, इस विचार से सिम्प्टम अलामत (रूप वा लक्षण ) का पर्याय है । परन्तु अर्वा चीन मिश्र देशीय तबीब अलामत की बजाय रज़ को इसका पर्याय मानते हैं ।
अरज़ araja - हिं० संज्ञा पु ं० चौड़ाई | श्ररज āaraja श्र० पंगु या लुग, लंगड़ा होना, पंगुत्व, लंगड़ापन । लेमनेस (Lamene - ss. )–इ ं०।
जल arajala - हि० संज्ञा पुं० [अ० ] ( १ ) वह घोड़ा जिसके दोनों पिछले पैर और अगला दाहिना पैर सफ़ेद वा एक रंग के हो |
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