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अमारेण्टे (न्थे) शाई
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अमिय मूरि श्वेतमुरगा-बं० । कलगा,सरवारी,देवकटी-हिं० । अमाह amaha-हिं० संज्ञा पुं० [सं० अमांस] सफेद मुरगा-गु० । इ० मे० मे।
वि० अमाही नेत्र रोग विशेष | आँख के अमारेण्टे (न्थे) शोई amaranthiacee ढेले से निकला हुआ लाल मांस । नाख ना ।
--ले० चौलाई वा ताण्डुलीय (अपामार्ग) वर्ग। श्रमाही amāhi-हिं० वि० [हिं० अमाह ] देखो-अमारेन्थेशोई।
अमाह रोग संबन्धी। अमारेन्थ amaranth-इं० चौलाई, तण्डुलीय ।
| अमिए amie-बर० (ए०व०), अमिए मियात्रा अमारेन्थ ईटेब्ल amaranth eatable--ई.
(ब० व०) जड़, मूल-हिं । Root or मरसा, माट । ई० हैं ० गा० ।
Rhizome | स० फा इं०। अमारेन्थ गैजेटिक amarranth yang. | श्रमिका-नॉकटर्ना ऑफ रम्फियस Amica__etic--इ० लाल साग | ई० हैं. गा० । nocturna of Rumphius- ले० गुलेअमारेन्थ ब्लैक amaranth black--इ. शब्बो, गुलचेरी हिं०, बम्ब० । रजनी गंधा बानस्पता। इ है० गा०।
-सं०,बं०। (Polianthus Tuberosa, अमारेन्थ राउण्डहेडेड amaranth round Linn.) फा० इं०३ भा०।
headed--इ. माट की भाजी। इ० हैं. अ (ऐ) मिग्डला amigdala-ले. कडुअा बादाम गा० ।
( Bitter almond ). अमारेन्थ वेरिअस लीड amaranth var- अ (ऐ) मिग्डला अमारा amygdala am
ious leaved-.ई. गुलकेश । इ० हैं. ara-ले० कटु वाताद, कडुश्रा बादाम । ( Bitगा० ।
ter almond ). अमारेन्थ हमैफ्रोडाइट amaranth her-अमिग्डला डल्सिस amygdala dulcis-ले. ima.phrodite:-इ. चौलाई, कलगा--हिं० । मधुर वाताद, मीठा बादाम । (Sweet Alm६० हैं. गा०।
ond) अमालह amālah--अ० इन्तिकाल मर्ज़ । इसका श्र (ऐ) मिग्डेलस कम्यूनिस amygdalus शाब्दिक अर्थ प्रवृत कर देना,परिवर्तन, करना फेर
communis, Linn.-ले. बदाम, फार्सी देना है; किन्तु वैद्यक की परिभाषा में किसी दोष
- बादाम । ( The Almond ). फा० ई.
१भा०! को विकारी अवयव से दूसरे अवयव की ओर
अ (ऐ) मिग्डेलस डल्सिस A mygdalus प्रवृत्त कर देनो अमालह कहलाता है। मेटास्टेसिस ।
dulcis-ले० मधुर वाताद, मीठा बादाम । Metastasis--gol
(Sweet almond ). अमालीन amalina-रू. अंगूर का पनी ।
| अ (ऐ) मिग्डेलीन amygdalin-इं० वाताद अमावट amavata-हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० |
सत्व । ( A glucoside contained in आम्र, हिं० श्राम+सं० श्रावर्त प्रा० श्रावह ]/
bitter Almonds ) (१) रोटिका रूपमें सुखाया हुश्रा श्रामका रस ।। अाम्रावर्त्त-सं० । श्राम के सुखाए हुए रस के अमिताशन amitashana-हिं० वि० [सं०] पर्त वा तह । इसे बनाने के लिए पके ग्राम को
जो सब कुछ खाए। जिसके खाने का ठिकाना निचोड़ कर उसका रस कपड़े पर फैला कर सुखाते
न हो। हैं । जब रस की तह सूख जाती है । तब संज्ञा पुं० (Fire) अग्नि | श्राग। उसे लपेट कर रख लेते हैं । The inspissa. अमिय म्ररि a miya-māri-हिं० संशा स्त्री. ted juice of the mango.
[सं० अमृत मूरे ] अमरमूर | अमृतबूटी । (२) पहिना जाति की एक मछली ।
संजीवनी जड़ी, जिलाने वाली छूटी।
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