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भमरैया
अमलक्यादि पाक:
अमरैया amaraiya-हिं० संज्ञा स्त्रो० देखो- व पशु से इच्छापूर्वक सम्पादित हो । विरुद्ध इसके श्रमराई।
फ़िल में इसका बंधन नहीं। यह प्राणि एवं अमरोला amarola-हिं० चूका, चांगरी। (Ru. खनिजों में से हर एक के कार्य तथा प्रभाव के mex Scutatus.).
लिए बोला जाता है। अमर्त्य amartya-सं० त्रि० जिसकी मृत्यु न हो । अमलको amalaki सं० स्त्री० मुँइ अामला अथवं । सू० ३७ । १२ । का०४।
(Phyllanthus neruri. ) अमर्दित amardita. हिं० वि० [सं०] जिस अमलक्यादिखण्ड amalakyādi-khanda
का मर्दन न हुआ हो । जो मला न गया हो। -सं०० श्रामला १ कुडव (१६ तो.) लेकर अमर्ष amarsh-हिं० संज्ञा पुं० [वि० अम- पकाएँ, पुनः टुकड़े टुकड़े करके ६४ तो. गोदुग्ध
र्षित, श्रमर्षी ] क्रोध, कोप, रिस । में पीस ६४ तो० गोधृत में पकाएँ, पुनः उसमें अमर्षण amarshana-हिं० संज्ञा पु० [सं०] ६४ तो० मिश्री अड़सा मूल १६ तो०, जीरा,
क्रोध, रिस | (Anger.) । असहिष्णुता । मिर्च, पीपल, दालचीनी इलायची, तेजपत्र, नागअक्षमा ।
केशर प्रत्येक १-१ तो० बारीक चूर्ण कर उन अमर्षी amarshi-हिं. वि० [सं० अमर्षिन् ] अवलेह में मिश्रण कर उत्तम पात्र में स्थापित
क्रोधी, रागी, कोपान्वित असहनशील । ( Pas- करें। उचित मात्रा में सेवन करने से भयानक sionate, choleric.)..
दाह, मूर्छा, पुरानी छर्दि दूर होती है । वंगसे. अमलम amalam-सं० क्लो० (१) सं० दाह चि.। अमल amala-हिं० संज्ञा पुं० अभ्रक, अमलक्यादि गणः amalakyādi-ganah
अबरक Tale (Mical.)| मे० लत्रिक । श्रामला, हड़- पीपल, चित्रक । (२) समुद्रफेन, समुद्र झाग । (Outtle- गुण-प्रत्येक ज्वरनाशक, कफन, भेदी, fish bone.) र०मा० । (३) कपूर, कपूर दीपन और पाचन है । वगसे. सं० गण (Cumphor.) । वै० निघ० २ भा० पाठाधिकारः। अपस्मा० चि०। (४) रौप्यमाक्षिक, अमलक्यादि पाकः amalakyadi-pākah रूपामक्खी । See-Roupya mākshika. -सं० . काकड़ासिंगी, तालीशपत्र, (५) पित्त ( Bile.)। See-.Pitta. I त्रिफला, खिरेटी, गिलोय, विदारीकन्द, कचूर, (६) कतक वृक्ष, निर्मली। (Stiychnos जीवन्ती, दशमूल, चन्दन, नागरमोथा, कमलPotatorum.)। (७) गंधद्रव्य विशेष । गट्टा, इलायची, अडूसा, दाख, अष्ट वर्ग; पुष्कर(An Aromatic Substance. )
मूल, पृथक पृथक १॥-१॥ पल ले। और अमल amala-हिं० संज्ञा पुं० [अ०] (१) १६ सेर पानी में १०० प्रामला प्रौटाएँ फिर
मादक वस्तु, नशा । ( Intoxication औट जाने पर निकाल तैल घृत ६-६ पल लेकर (२) अफीम (Opium)। (३) काम श्रामलों को भूने तदनन्तर आधा तुला मिश्री की ( Cupid )। ( ४ ) प्रभाव, असर । (५) चाशनी करके अामलों का पाक करें। जब शीतल प्रयोग ( Use )।
होजाए तो ६ पल शहद डाल दें। फिर बंश-वि० [सं०] निर्मल । स्वच्छ ।
लोचन, चातुर्जात और पिप्पली इनमें से प्रत्येक अमल aamala-० ( ए० व० ) प्रमाल २-२ पल डाले और उन शृंगचादि का चूर्ण कार्य, कार्य करना।
भी डालें। अमल, फ्रिल और सिन्अ का भेद । अमल गुण-इसके सेवन से रक्तपित्त, क्षय, कास, प्रधान है तथा क्रिअल सामान्य अर्थात् अमल कुष्ठ, भ्रम, प्यास, तथा वुढ़ापा दूर होता है। उस फ्रिल का नाम है जो प्राणियों जैसे मनुष्य | यो चि० क्षय० चि०।
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