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अपवरकः
अपवरक: apavarakah - सं० पु० गर्भगृह । ( Inner room. ) हला० । See - Ga rbhagriha.
अपवर्ग: apa-vargah - सं० पु० अपवर्ग apavarga - हिं० संज्ञा पुं०
}
( १ ) अभिव्याप्य में से अपकर्षण करने को "अपवर्ग" कहते हैं, जैसे- विष-शास्त्र-विदों के सम्मुख सिवा कीट विष वालों के विषोपसृष्ट स्वेद योग्य नहीं होते । इसमें से "विषोपसृष्ट श्रस्वेद्य अर्थात् स्वेदन क्रिया के अयोग्य होते हैं" यह यह व्यापक है जिसमें से कीट विष वाले पृथक् कर दिए गए। सु० उ० ६५ श्र० श्लो० १६ । (२) मोक्ष, मुक्ति - हिंο| Liberation Deliverancc. - इं० । ( ३ ) त्याग | अपवर्तन apavartan - हिं० संज्ञा पुं० परिवर्तन, उलटफेर, पलटोव | अपवर्त्तित apavartita - हि० वि० [सं०] बदला हुआ । पलटाया हुआ । लौटाया हुआ | अपवश apavasha - हिं० वि० [हिं० अप= अपना+सं० वंश ] अपने अधीन | अपने वश का | स्वाधीन । (Voluntary) परवश का
उलटा ।
अपविद्ध apaviddha - हिं० वि० [सं०] (१) त्यागा हुआ । त्यक्र, छोड़ा हुआ । (२) बेधा हुश्रा, विद्ध । ( ३ ) चूर्णित | अपविषr apavishá-सं० स्त्री० निर्विषतृण, निर्विषो । ( Curcuma zedoarie. ) रा० नि० ।
अपशोकः apa-shokah - सं०पु० अशोक वृक्ष । ( Saraca Indica ) रा० नि० व० १० ।
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अपस्तम्भ (ब) मर्म
(2) दक्षिण,
दाहिना (Right.) । ( २ ) प्रतिकूल, उलटा, विरुद्ध ( Opposite ) । सभ्य का उलटा । मे० ।
अपसव्यः apasavyah - सं० त्रि. अपसव्य apasavya - हिं० वि०
}
अपसार apasara - हिं० संज्ञा पुं० [सं० श्रप्= जल+सार ] ( १ ) अँबुक । पानी का छींटा | ( २ ) पानी की भाप । अपवाहक apavāhaka - हिं० वि० [सं० ] स्थानांतरित करने वाला । एक स्थान से किसी पदार्थ को दूसरे स्थान पर ले जाने वाला । अपवाहन apavāhana - हिं० संज्ञा पु ं० [सं०] स्थानांतरित करना | एक स्थानसे दूसरे स्थान पर ले
जाना ।
अपवाहुक apaváhuka - हिं० संज्ञा पु ं० [सं०] देखो - अपबाहुकः । अपशकुन apashakuna - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] कुसगुन । श्रसगुन । अपशब्द apashabda-हिं० संज्ञा पुं० [सं०]
पाद । अपान वायु का छूटना । गोज़ । पर्छन । अपसर्पण apasarpana-हिं० संज्ञा पुं०
[सं०] [वि० पसर्पित ] पीछे सरकना । पीछे हटना ।
अपसर्पित apasarpita - हिं० वि० [सं०] पीछे हटा हुआ | पीछे सरका हुआ । अपसारण apasárana - हिं० पु० ( भौ० वि० ) ( Repulsion. ) श्रपकर्षण | अपस्कम्भः apaskambhah- सं० पु० ( Symplocos racemosa ) लोध | अथर्व ० | ४ | ३ | ४ |
अपसरण apasarana - हिं० पुं० प्रस्थान,
अपष्ट apashta - हिं०वि० अस्पष्ट, गुह्य । ( Not अपस्कर apaskarah - सं० पं० (१) मलclear, hidden). द्वार, चूति । एनस (Anus ) - इं० । ( २ ) विष्ठा, पुरीष । ( Faåces ) धर० । श्रपस्तम्भ (ब) मर्म apastambha, mbamarmma सं० क्ली० उदर और वक्षस्थ मम में से एक शिरा मर्म विशेष । यह उर ( हृदय )
चला जाना |
अपसर्जन apasarjana - हिं० संज्ञा पुं० [सं०] विसर्जन | त्याग |
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अपवाहित apavahita - हिं० वि० [स० ] एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाया हुआ । स्थानांतरित |