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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org श्रनास्टेटिका हीरोकंटीना ३१५ अनास्टेटिका होरोकंटांना anastatica hie - rochuntina,Linn. -ले० कफ़ेमरियम. कफ़ेआयशा - फा० | गर्भफूल - हिं०, गु० । फा० ई० १ भा० | देखो - कफ़ेमरियम् ( Kafemariyam ). श्रनाह anáha - हिं० संज्ञा पुं० देखो नाहः । अनाहतम् anáhatam-सं० क्ली० अनाहत anáhata दि० संज्ञा पुं० } (0) नूतन वस्त्र, नया वस्त्र ( New cloth )। अ० । ( २ ) शब्द योग में वह शब्द वा नाद जो दोनों हाथों के अंगूठों से दोनों कानों की लवें बन्द करके ध्यान करने से सुनाई देता है । देखो - शब्दयोग । ( ३ ) हठ योग के अनुसार शरीर के भीतर के छः चक्रों में से एक। इसका स्थान हृदय, रंग लालपीला-मिश्रित और देवता रुद्र माने गए हैं। इसके दलोंकी संख्या १२ और अक्षर 'क' से 'ठ' तक हैं । वि० (१) जिस पर श्राघात न हुआ हो । श्रक्षुब्ध । (२) गुणित | जिसका गुणन न किया गया हो । अनाहत चक्रम् anáhata-chakram-सं० क्ली० हृदयचक्र, द्वादश-दल-कमल । ज़फ़ीरह, कल्बिय्ह - अ० : कार्डिएक प्लेक्सस ( Cardiac plexus ) - इं० | देखो - हृदयचक्र अनाहत शब्दःanahata shabdah सं० पुं० अनाहत चक्र में होने वाला शब्द | अनाहद वाणी anáhada-vání - हिं० संज्ञा स्त्री० [सं० श्रनाहत + वाणी ] (१) घट में होने वाला आवाज़ । ( २ ) श्राकाश वाणी । देववाणी | गगनगिरा । श्रनिद्राजनक अनाहारी anáhari - हिं० पु० भूखा रहने वाला । भूखा | (Fasting). अनाहूत anáhūta - हि० वि० अनिमंत्रित, बिनाबुलाया हुआ, बिना न्योता दिए । श्रनाहः anáhah-सं० पु० रोग विशेष, श्रा (अ) नाह रोग, मलमूत्र रोधक व्याधि, अफरा, पेट फूलना, श्राध्मान | ( Flatulence ). अनिकर्रा anikarrá ता० जिङ्गिनी, श्रजशृङ्गी, नेत्रशुद्धी - सं० । ( Odina wodier ) इं० मे० मे० । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अनिकेत aniketa - हिं० वि० अनिकेता aniketá सं० त्रो० बिना घर का, स्थान रहित । श्रनिगीर्ण anigirna - हिं० वि० [सं०] जो निगला न गया हो । रक्र afagafu anigunḍumani-ato कम्बल | ( Adenanthera Pavonina). श्रनितून anitún - यु० श्रनिधूम anithum - यु० अनिग्रह anigraha-f६० वि० [सं०] पीड़ा रहित । नीरोग | श्रनिच्छ: anichchhah-सं० त्रि० तृप्त इच्छा न होना । वै० निघ० । ( Indifference.) अनिच्छा anichchha - हिं० संज्ञा स्त्री० [सं०] [वि० अनिच्छित, अनिच्छुक ] ( १ ) इच्छा का प्रभाव | अरुचि । ( २ ) प्रवृत्ति । गृहहीन, } ( Dill ) - इं० | फा० ई० २ भा० । सोश्रा - हिं० । शूद-फ़ा० । डिल For Private and Personal Use Only श्रनाहशूलम् anáha-shúlam - सं० की ० दर्द श्रनिद्र anidra - हिं० वि० [सं०] निद्रारहित । के साथ पेटका फूलना । ( Flatulent with pain ). बिना नींद का | जिसे नींद न आए । संज्ञा पु 0 प्रजागर । नींद न आने का रोग | अनाहारः anáhárah - सं० पुं० (१) भोजन nence, starvation ) । हिं० वि० ( १ ) भूखा, निराहार | जिसने कुछ न हो । ( २ ) जिसमें कुछ न खाया जाए । का अभाव वा त्याग । श्राहाराभाव Absti | अनिद्रा anidra - हि० स्त्री० निद्रानाश, नींद न श्राना। (Insomnia, sleeplessness). श्रनिद्राजनक anidra janaka - निद्राहर, निद्रानाशक, निद्रा न्यूनकर | खाया
SR No.020089
Book TitleAyurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageSanskrit
ClassificationDictionary
File Size29 MB
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