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अणुदर्शक
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अणुब्रोही
(१) जिस किसी कार के कोल्हू की लाठ | मुबराबर दिमाग़, दलीग़, सगीर दिमाग़-१०। के नीच तिल सरमा श्रादि पदार्थ घानी में पेरकर सेरीबेलम् Cerebellum इं०। तेल निकाला जाता है, उस उस लकड़ी के खरड अगमांगी : nulmi ngi-हिं० स्त्री० नुविय्यह, खण्ड करके एक बड़ी कड़ाही में जल भर कर - अ० । न्युकीयोलस Nucleolus-इं० । अग्नि में पकाएँ। उक्त रीति से पकाने पर उन सेल (Cell) को बड़े यंत्र की सहायता से लकड़ियों से जो तेल का अंश पानी पर आ जाए ध्यानपूर्वक देखने पर मींगी के भीतर जो एक उसको काछ कर अलग कर लें। उस तैल में छोटा सा विन्दु दिखाई देता है, उसको अणुमींगी वातनाशक श्रौषधों को मिलाकर स्नेह पाक की कहते हैं । ह० श० र० । देखो सेल । विधि से पका लें, इसे अणु तेल कहते हैं। अणुमुष्टिः animashtih-सं० पु० विषमुष्टि, गण-यह विशेष कर वात रोगों को दूर करता महानिस्त्र । रा०नि०व०४S.}-vishaहै और भगन्दर में भी इसका प्रयोग होता है। mishtih. .
( स० सं० चि० अ०, चं० का प० ।) अणमुष्टिकाः animus' tikāh-२० स्त्री०
२) जीवन्ती, नेत्रवाला, देवदारु, नागर- डाड़ी, मुष्टिका | Sa-Dori. मोथा, दालचीनी, कालाबाला, अनन्तमल, र. अणपन्ध्रम् Taran-सं०डी० ( Foचन्दन, दारुहल्दी, तज, मुलही, कदम्ब, अगर,
vesalii) सूक्म छिद्र । निफना, पौर डरीक, वेलगिरी, कमल, छोटी अगरेवती anurerati-सं० श्री० ( Crotol कटेरी, बड़ी कटेरी, सल्ल की, शालपर्णी, पृष्टपर्णी, Polyandrim, Roxb-) दन्ती वृक्षः। ५० वायविडंग, तेजपात, छोटी इलाचयी, रेणुकबीज,
मु० । रा०नि० २६। नागकेशर, पद्मरेणु इन्हें समान भाग लेकर
र प्रणव क्षण anuvikshana-हि. संक्षा प. सौगुने प्रांतरिक्ष जल में क्वाथ करें, और ऊपर
अणुदर्शक, सूक्ष्मदर्शक यंत्र । नकारह मकबरह. कथित द्रव्यों के तुल्य तिल नैल लें । ज तैल से
-अ० । माइक्रोस्कोप ficroscope-इं० । दस गुना क्वाथ रह जाए तब उतार कर तैल पाक
सूक्ष्म वस्तुओं को बड़ा करके दिखाने वाला यंत्र करें और जब तैलमात्र शेष रहे नब पुनः उस तैल
वह यंत्र जिसके द्वारा अत्यन्त सूक्ष्म से सूरम के बराबर क्वाथ मिलाकर पकाएँ इस प्रकार दस
वस्तु भी देखी जा सकती है । इसी के द्वारा विचार पकाएँ अन्त में जब तैलमात्र शेष रह जाए तो
ज्ञान ने से अनेक सूरम कोटा ग.त्रों का पता उसमें तेल के बराबर हो बकरी का दूध मिलाकर
लगाया है जिनकी विद्यमानता का मनुष्य को पुनः पकाएँ । फिर तैल शेष रहने पर उतार लें।
स्वप्न में भी ख्याल न था'। देखो-सूक्ष्मदर्शक । इसे अणु तैल कहते हैं । यह नस्य. द्वारा
अणुवीदय anuvikshya-हिं० वि० सूक्ष्मदर्शक प्रयोग करने में महा गुणकारी है । चूंकि यह
यंत्र से दिखाई देने योग्य । नकारह मक्बरियह सूक्ष्म छिद्रों में प्रवेश करता है इसलिये इसे अण:
अ० । माइक्रोस्कोपिक Microscopic-० । नैल कहते हैं। (वाग्भट्ट० अ० २०) अणब्रोहिः anu-brihih-सं० पु..... ) अणुदर्शक anudarshaka-हिं० संज्ञा पु० अणुव्रीहि antrihi-हिं० संज्ञा पु. (Microscope ) सक्ष्मदर्शक । ।
अणब्रोही antu-brihi-हिं० संज्ञा प.." ) अणभा anubhi-हिं. संगा स्त्री० [सं०]
श्यामक, साँवाँ, साँी, छोटे धान । लक्ष्मधान्य, Lightning बिजुली। विद्युत् । अनि। .
एक प्रकार का दिया धान, जि.रूका चावल बहुत. तांइत् ।
छोटा होता है और पकाने से बढ़ जाता है. और. अणमस्तिष्क anumastishka-हिं०संज्ञा पु०॥
महँगा भी दिकता है। मोतीचूर-हिं० । रा०नि० अणुमस्तिष्कम् animastishkam-सं.क्ला० ): व. १६ । पर्श-प्र लघुमस्तिष्क, अनुमस्तिष्क
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