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अजवाइन मुदब्बर
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श्रजङ्गी
ऐसी एक मात्रा औषध रात्रि में सोते समय दें। वाइन को सोडा के साथ मिलाकर देने से प्रामाअनिद्रा (इन्साम्निया) में लाभदायक है। शयस्थ अम्लरोग, अजीर्ण तथा प्राध्मान दूर
(१) टिचुरा हायोसाइमाई ३० मिनिम, होते हैं। ई० मे० मे०। देखो-अजवाइन सोडियाई बेजोएट्स १० ग्रेन, एलिक्सर सक्कि- तथा थाइमोल । राइनी ५ मिनिम, इन्फ्युजम् न्यु क्यू १ श्राउंस | अजवायण ajavāyana-जय० सक | ऐसी एक एक मात्रा प्रति चार चार घंटा | अजवायन ajavayana-हिं० संज्ञा स्त्री० । पश्चात् दें। वस्ति पदाह (सिस्टाइटिस) और [सं० यवानिका ] अजवाइन ( Carum वृक प्रदाह ( पाइलाइटिस ) में फलदायक है। Ajowan, D. C.) अजवाइन मुदब्बर ajavain-mudabbar अजवायन गुटिका ajavāyana-gutika
-ति० शुद्ध अजवाइन । विधि-अजवाइनको तीन -सं० स्त्रो० अजवाइन, जीरा, धनियाँ, मिर्च, दिन रात इतने सिर्काम तर रखें कि वह अजवाइन विष्णुकान्ता, अजमोद, मँगरैल प्रत्येक ४ शा०, से चार अङ्गुल ऊपर रहे । फिर उसे सिर्कासे बाहर हींग भुनी ६ शा० तथा सज्जीखार, जवाखार, पञ्चमिकाल कर शुष्क कर लें । जीरा को भी इसी
लवण, निशोथ प्रत्येक ८ शा० और जमालगोटा, प्रकार शुद्ध करते हैं। प्योरिफाइड अजोवान कचूर, पुष्करमूल, बायविडंग, अनारदाना, बड़ी ( Purified Ajowan)-इं०।
हड़, चित्रक, अम्लवेद और सोंठ प्रत्येक १६ अजवाण ajavāna-जय० ।अजवाइन .
शा० लें, पुनः बिजौरे ( नीबू ) के रस से मईन प्रजघान ajavāna-हिं०, द०, गु० (Cal- कर चने प्रमाण गोलियाँ बनाएँ । सेवन____um A jowan, D. C.)
विधि तथा गुण-घृत, दूध, मद्य, अजवान का अर्क ajavana-ka-arka-द० नीबू के रस और उष्ण जल के साथ देने
अर्क अजवाइन-हिं० । श्रोमम् वाटर (Om. से गुल्म का नाश होता है। मद्य से वात गुल्म. um water )-इं।
गोदुग्ध से पैतिक गुल्म, गोमूत्र से कफज गुल्म, प्रजवान का पत्ता ajavana-ka-pattā-द० दशमूल क्वाथ से त्रिदोषज गुल्म एवं स्त्री का रक
पनीरी का पत्ता | पञ्जीरी का पात, सीता की गुल्म तथा ऊँटनी के दूध के साथ देने से हृद्रोग पञ्जीरो-हिं० । ऐनीसाकिलस कानोसस (Ani- संग्रहणी, शूल, कृमिरोग और अर्श का नाश sochilus Carnosus, Wall. )-moi होता है । शाङ्ग० सं० मध्य० ख० अ०७ । थिक-लीड लेवेण्डर ( Thick-leaved
अजङ्गिका ajashringika-सं० स्त्रो० । lavender )-इं० । इं०मे०मे० । फा००। अजशृङ्गी ajashringi-सं०स्त्री० अजवान का फूल ajavāna-ka-phula-द०, -हिं० संज्ञा स्त्री०, एक वृक्ष जो भारतवर्ष में हिं० अजवाइनका सत | स्टियरॉटिन (Stea- प्रायः समुद्र के किनारे होता है। इसकी छाल roptin), फ्लावर्स ऑफ अजवान कैम्फर
संकोचक है और ग्रहणी आदि रोगों में दी जाती (Flowers of a jowan camphor ) है। इसका लेप घाव और नासूर को भी -इं०। देखो-अजवाइन ।
भरता है। मेदासिं (शिं) गी, मेषशृङ्गी । ऐस्त्रीनोट-यह अगरेजी थाइमोल (सत पुदीना) पिपास गेमिनेटा (Asclepias Gemiके समान होता है।
mata, Rowb.)-ले०। भा० पू० १ भा० प्रभाव-व्याप्तोत्तेजक, आमाशय बल्य, वायु- गु० व० ३७१ । रा०नि० व० ; सु० सू० निःसारक, प्राक्षेपशामक, शोधनीय । यह पुरा- ३८ १०; रा०; मद०व०१। (२) कर्कटङ्गी, तम स्रावों, यथा-कास में अधिक श्लेप्मास्राव काकड़ासिङ्गी । ( इसका वृक्ष पुत्रजीव वृक्ष के को रोकता है।
समान होता है)। (Rhus succedanea; - प्रयोग-अजवाइन का तेल और सत-अज- Acuminata)-ले। सु० सू० ३७ ड ।
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