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अजमेई
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अज़मेई azamsi-द्रा० ई० चाय | Tea pl ant (Gamellia theifera ). अजमां ajamo - ० ( 1 ) अजमोदा ( Apium involucratum. ) . (२) अजवाइन ( Carun ptychotis Roxburghianum, neath.) अजमोदः ajamodah सं० पु० ) Carअजमोद ajamoda - हिं० संज्ञा पु ं० ) um
Ajowan D. C ) दोष्यक | वा० सू० ३५ अ० वत्सकादि० ० | देखाअजमोदा ( Apium involucratum.) अजमोदा, दिका ajamodá, diká-सं०, हिं०
स्त्री०बोड़ी अज्भोद, ग्राजूमूद, आजू मृदा, श्रज्मद् । श्राजमूदह, श्राजूमूदह श्रज्वान-द० । संस्कृत पर्याय- अजमोदा, खराश्वा, मयूर, दीप्यक, ब्रह्मकुशा, कारवी, समस्तका, खराह्ना, वस्तमोदा, मर्कटी, मोदा, गंधदला, हस्ती, गंधपत्रिका, मायूरी, शिखिनोदा, मोदाढया, वह्निदीपिका, ब्रह्मकांशी, विशाली, हृद्यगंधा, उग्रगंधिका, मोदिनी, फलमुख्या, मयूरका, दीप्यका, वल्ली, लौमकर्कटी, रोमकर्कट, यवान, कृमिरोगजित् दीप्यवल्ली, मर्कटा, कराह्ना, कर्कटा, लोचमस्तका, यवानिका, मेध्यदा, विशल्या, हस्तिकावरी, हयगंधा, उग्रगंधा, वनयमानी, हस्तिकारी 1 राँधनी, प्राजूमूद, वनयमानी, चन्, वनयोयान - बं० । करसे - खुखुरी, करफ़ सुल-जिबली, कर सुलू-मनी, ब. जुल - करस- अ० । करफ़ से कोही, करफ़ से मनी, करसे - हिन्दी, गुरुमे-करफ़्स-फा० 1 बित रासालियून, (फि. रासालियून ० ६० ) - यू० । केरम ( टाइकोटिस ) राक्सवनम् Carum (Ptychotis ) Roxburghiammm. Benth, एपिश्रम इन्वाल्युकेटस Apium Involucratum, Roab. (Friut of--), एपिश्रम पेट्रोसेलिनम Apium Petroseli 101, पेट्रासेलिनम Petroselinum, ro अवियलेन्स A Graveolens, Linn. पिस्किने इन्वाल्युक्रेटा Pimpinella involucrata, लिग्युस्टिकम् प्रज्वान Li
अजमोदा
gusticum ajwacna-ले० । सेलेरी ( सीड ) Celery ( sood ); वाइल्ड सेलेरी (Wild celery), पार्स्'ले (Parsley) - इं० 1 सेलेरी Celeri-फ्रां० । अशम-नागम्, अशम्ता श्रोमन् - ता० । अमोद - वोमम् श्रशु मदागवोमम् श्राजमोदा, वामम् ते० । श्राजमोदावोमा, अजमोदा - कना० | अजमोदा - मह०, कर्णा० । अजमोदा बोवा मह० । बोडी अजमो, बौडी - श्रजमोदा, अजमो-गु० । श्रजमुद, बोडी श्रजमोदा - चं०, प० । श्रजवान के पत्ते, बुडी-ग्रजिवाइए-कन्छ । भूतघाट पं० ।
अम्बेलिफेरी अर्थात् छत्री वर्ग (N. O. Umbelliferue.) उत्पत्तिस्थान- उत्तरी पश्चिमी हिमवती पत मूल, पञ्जाब की बाह्य पहाड़ी, पश्चिमी भारतवर्ष और फ़ारस |
इतिहास - अजमोदा का वर्णन लगभग सभी प्राचीन एवं अर्वाचीन श्रायुर्वेदीय ग्रन्थों में पाया जाता है । अरब लोगों ने इसका ज्ञान सम्भवतः यूनानियों से प्राप्त किया । हकीम दीसकुरीदूस ( Dioscorides ) ने पाँच प्रकार के करप्रस का वर्णन किया है । थश्रोस्टस ( 'Theo phrastus) ने सीलिनॉन ( करक्र्स ) नाम से इसका वर्णन किया है । मीर मुहम्मद हुसैन लिखते हैं कि करस ( अजमोदा ) को श्रङ्गरेज़ी मैं सेलरी ( Celery. ) तथा यूनानी में ऊ सालियन कहते हैं । वह इसके तीन अन्य भेदों का भी वर्णन करते हैं, जिनमें (१) सुखरी जिसको यूनानी में फ़ितरसालियून, (२) नवती जिसको यूनानी में असालियून और ( ३ ) तरी जिसको यूनानी में शमरीनियून कहते हैं । वास्तव में ये क्या है ? इसका निश्चय करना प्रति दुःसाध्य है । बम्बई में "कितरासालियून" नाम से जो श्रोषधि विकती है वह पहाड़ी सौंफ है जिसको हिन्दी में कोमल कहते हैं । परन्तु वह बीज जो ईरान से बम्बई में श्राकर करफ़स नाम से त्रिकता है उसको वहाँ "बड़ा अजमोद” कहते हैं |
वानस्पतिक विवरण - श्रजमोदा श्रजवाइन
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