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अहिनामकः,-नामन्
अचलेश्वरः - दमनक वृक्ष ( Artemisia indica, 1. mountain पर्वत । (२).A.bolt or Vild.). ...
pin शंकु । संज्ञा पुं० न चलने वाला। अति नामकः,-नामन् anghri.namakah, -अचलकीला achalakila-सं० स्त्रो० ( Dal
naman-सं० पु. १-( Artemisia th) पृथ्वी। indica) दमनक तन । २-( The Root | अचल त्विट (-) chala tvit,shaof a tree) वृक्ष मूल, जड। ग० नि० । सं० पुं० कोकिल, कोइल (A Cuckoo) २०२। अम०।
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अचल सन्धि :nchalan sindhi-सं०, हिं० अकिप: anghripah-सं० ० (A Tree) स्त्री० अचेष्ट संधि, स्थिर संधि, सन्धियों जिनमें . अंहि,प, पेड़, दस्त, वृक्ष । ग० नि० घ० २। गति असम्भव है। जैसे दोनों पाश्विकास्थियों हला० ।
के बीच की संधि । इम्मूवेबल जाइरट Im. अविपर्णिका anghri-parnika) -सं० स्त्री० movable joint, f ifaa Synar: afe anfanghri-parní i j (Doodia throsis-toi
lagopolioides) पृश्निपर्णी । चाकुलिया | मक्सिल्स.ाधित, मासिल मुवस स क .-बं० । भा० पू०१ भा० गु० व० ।
-अ०। अचिब ना anghri-balā-सं. स्त्रो० पृश्निपणी | नोट-(१) अधाहन्वास्थि और शंखास्थि की (Hemionites cordifolia )
संधि को छोड़कर कर्पर की शेप सन्धियाँ स्थिर अघिल्लिा , का anghrivallih,-kā | -सं० | अड़ियल्ली aughrivallf
स्त्रोक
(२) अचल संधियाँ तीन प्रकारकी होती हैं:i (Uraria Lagopoides, De. )
१-दरज़वाला जाड़ ( मामिल नद्ज़, पृश्निपी। चाकुलिया-बं० । अ० टी० र०।।
मसिल तद्री जी ) जैसे कपान की अस्थियाँ । अबिषः aughrishah-सं० पु. उन नाम का
२-कील नुमा, गड़ा हुअा जोड़ (मसिल मज़, ... तालु रोग । देखो-अध्रुषः (Adhrusho h)
मसिल सिस्मारी) जैसे दन्त और हनु की rafet: anghrisabihih -
संधि । ३-नलिकाकार सन्धि (मसिल शक्की, अजिस्कन्धः anghri-skandhah |सं० पं.
मसिल मीज़ायी) जैसे जतूकास्थि और नासाश्रयः anghrvah-सं०प०. गल्फ. .
वंशास्थि की सन्धि । इनके अंगरेजी नाम क्रमशः पादगुल्फ, गट्टा-हि० । हे० च० । The |
इस प्रकार हैं:-(१) स्युचर (Suture.), linkle (Malleolus), पायेर गोड़ालि |
(२) कम्फोसिस (Comphosis), (३) -व ।
Filtzain ( Schendylosis ) प्रचण्ड Achanda -सं०. सुसुम । .
|श्रचला acchala
). सं. रो० अचता achata-पा० लाल कोईपुरा--सिलहट । अचला कोला achala-kila j पृथ्वी (The मे० मो०।
varth.) चर achara-हिं० वि० [सं०] (Im- | अचलोrachalij-हिं. संज्ञा प'. इटिया म.
movable) न चलने वाला । जड़ । स्थावर । क्रोफाइला Itea macrophylla... संज्ञा पं. न चलने वाला पदार्थ । जड़ पदार्थ । अचलेश्वरः achaleshvarah-सं० पु. स्थावर द्रव्य ।
एक योग जिससे वृद्धता नष्ट होता है। अचरणा acharani-सं0 स्त्री० वह योनि जो
पाराभस्म, शुद्ध गन्धक, त्रिफला और गुग्गुल मैथुनकं समय पुरुषसे प्रथम स्खलित हो जाती है। इन सबको समान भाग लेकर बारीक चूर्ण करके अचल achala-हि० वि० ( Immovable)| एरण्ड के तेल के साथ राज चाट । इस प्रकार ___ स्थिर ।- (पु०, लः-सं० पुं० (१)A ६ महीने सेवन करने से वृद्धता दूर होती
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