________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir આયુર્વેદાદિત્ય ( 5) इतिश्री कृष्ण र निवासी विद्याराम ननुजनुषा कविं भाइशं कर विरचिते आयर्वेदादित्य प्रथे वाघेश्वगनी रतुनी, ज्वर चिकित्सा, सानेपात चिकि मा, अतिसार चिकित्मा. गृहणी रो. गनी चिकित्सा, गुल्म रोगका चिकित्सा, अजीण रोमनी चिकित्सा, काम रोगनी चिकित्सा मंदानि रोगनी चिकित्सा, आर्श रोगनी चिकित्सा. शूल रोगनो चिकित्सा, पांडु रागनी चिकि त्सा. क्षय रोगनी चिकित्मा. रक्तापित्त रोगनी चिकित्सा. काम रोगनी चिकित्सा, हेडकी रोगनी गित्मा, श्वास रोगनी चि कित्सा अपस्मार रोगनी चिकित्सा. दाह रोगनी चिकित्सा, उन्माद रोगनी चिकित्सा, वात व्याधिनी चिकित्सा, आम्लपित्त रोगनी चिकित्सा, म रोगनी चिकित्सा, मुत्रकच्छ रोगनी चिकित्सा, अमरी गगनी चिकित्सा, त्रि रोगनी शिकेसा, शाळ रागनी चिकित्सा. मंगनी चिकित्सा; वगेरे सर्व रोगनी मं. प्राप्ति, ते भवानां कारण, पायरूप कारण; लेनां पुर्वरुप, सेना भेद निदान, पथ्यापथ्य विचार; ने कधि नई पदो; आदि वर्णनना नाम, विनिय प्रकाश सपुर्ण // तथास्तु // For Private and Personal Use Only