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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 'अष्टांगहृदयकी ९ विषय. श्यामा के लक्षण निसोथ की अड लाने की रीति वात रोग में निसोथ का प्रयोग वैरेचनिकलेह अन्य अवलेह विरेचन में ईख की गंडेली विरेचनार्थ चूर्ण गुल्मादि रोग पर अबलेह कल्याणकडगुड अन्य गोली अन्यविरेचन शरद ऋतु में विरेचन हेमंत में विरेचन ग्रीष्म में विरेचन स्निग्ध के लिये विरेचन रूक्ष पुरुषों को विरेचन ज्वर में राजवृक्ष का प्रयोग अन्य प्रयोग अमलतास का ग्रहणादि अमलतास के प्रयोग की विधि अमलतास का काढा अन्य प्रयोग अमलतास का अन्य प्रयोग लोध का अवलेह थूहर के दूध का निषेध थूहर का प्रयोग सुधा गुटका घृत के साथ निसोथपान व्योषादि सेवन कफरोग में चिकित्सा अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग अन्य प्रयोग विसर्प की चिकित्सा त्रिवृतादि की प्रधानत्व हरीतकी का ग्रहण विरेचन के लिये मोदक पृष्टांक. । विषय. ६९० संश्लेषादि में कर्तव्य विरेचन में तृषा और केसर ___ तृतियो ऽध्यायः । अधोगत वमन में पुर्नवमनः अजीर्ण में पूर्ववत कर्तव्य ६९७ विना स्वेदनके स्वेदनकी औषध निषेध,, उत्क्लष्ट त्रिदोष में अनुवासन आध्यमान में कर्त्तव्य शूलनाशिनी यवागू प्रवाहिकादि में विधल्यादि कुपितवात के कर्म उक्त अवस्था में वमन प्रयोग अति वमन का उपाय वातनाशक स्वेदादि का प्रयोग विरेचनादि योग में कर्तव्य । विरचनातियोग में चिकित्सा विरेकाति योग नाशक औषध बमनाति योग की चिकित्सा जिह्वा के भीतर घुसजाने में चिकित्सा ,, वाग्ग्रहादि मै यवागू जीवरक्त की परीक्षा तृषादि में प्राण रक्षण क्रिया उक्त रोग में दुग्धपान गुदभ्रंश की चिकित्सा संज्ञानाश में गायन श्रवण चतुर्थो ऽध्यायः । सर्वगदप्रमाथी वस्ति निरूहण वस्ति बलादि निरूहम अन्य प्रयोग पित्तरोग नाशिनी वस्ति अन्य वस्ति कफज रोगों में निरूहण सुकुमारों को निरूहण वात नाशक वस्ति | वात नाशक वस्ति ७०० ७०१ ७०२ " ७०३ ७०४ For Private And Personal Use Only
SR No.020075
Book TitleAshtangat Rudaya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVagbhatta
PublisherKishanlal Dwarkaprasad
Publication Year1867
Total Pages1091
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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