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(६०) अष्टाङ्गहृदयसंहिताकी-अनुक्रमणिका । विषय.
पृष्ठ.. विषय. · व्याख्या ... .... .... ९२० । ३३ अ० गुह्यरोगविज्ञानीय नामक २७ अ० भंगप्रतिषेध नामक
व्याख्या ... .... .... ९५८ व्याख्या ... .... .... ९२७
३४ अ० गुह्यरोग प्रतिषेध नामक २८.भ० भगंदरप्रतिषेध नामक
____ व्याख्या .... ... .... ९६६
३५ अ० विषप्रतिषेध नामक . व्याख्या २९ अ० ग्रंथि अर्बुद श्लीपद अपची
व्याख्या .... .... .... ९७४
३६ अ० सर्पविष प्रतिषेध नामक नाडी विज्ञानीय नामक
____ व्याख्या .... ... .... ९८३ व्याख्या .... .... ... ९३९
३७ अ० कोटलूतादिविषप्रतिषेध ३० अ० ग्रंथि अर्बुद श्लीपद अपची
नामक व्याख्या ... ... ९९५ नाडी प्रतिषेध नामक व्याख्या ९४२
३८ अ० मूषिकाल विषप्रतिपेध ३१ अ० क्षुद्ररोग विज्ञानीय नामक
___ नामक व्यारट्या .... ....१००७ ___ व्याख्या .... .... .... ९४९ ।
३९ अ० रसायननामक व्याख्या १०१२ ३२ अ- क्षुद्ररोग प्रतिषेध नामक
४० अ० वाजीकरणनामक .. व्याख्या .... ... ... ९५४ . व्याख्या .... .... ....१०३६
इति खानदेशीयरावेरग्रामनिवासिपरशुरामभट्टतनयगोविंदशास्त्रिकृता.
वाग्भटविरचिताष्टांगहृदयस्थविषयानुक्रमणिका श्रीष्ठि
श्रीखेमराजगुप्तकारिता संपूर्णतामयासीत् । शके १८२९ संवत् १९६४ आश्विन शुक्ला १०
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