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अनुक्रमणिका।
(२१) विषय.
पृष्ठ. विषय. शूल्यभासवर्जन .... ... .... ८६ / मैथुनवl.... .... .... .... ९१ मिश्रपायसादिदोष .... ....
ऋतुविशेषमें मैथुनप्रकार .... .... , तुल्यप्रमाणमध्वाज्यादिविरोध
राजाने वैद्य अवश्यनिकटरखना ७६-९२ तिलकल्कसावितपोईशाक ....
- अथाष्टमोऽध्यायः ८ वारुणीमिश्रबलाकाविरोध ...
अथमात्राशितीयाध्यायः ..... एरंडादिसेपकायेतित्तिरिकाकोमा
परिमितभक्षण रकत्व
गुरुलघुके मात्राकथन हारीतमांसकोयोगविशेषसे नाशकत्व... "
हानमात्रकभोजननिषेध .... समाक्षिकहातिमांसविरुद्ध .... ... " विरुद्धादिका लक्षण ....
अतिमात्रकभोजनसे दोषप्रकोप ...
दोषप्रकोपसे विषचिकोद्भव शरीराभिसंस्कारको विरुद्धाहारमें प्र
विचिकाकथन .... ...... शस्तता .... ... ... "
विचिकानिरुक्ति पथ्यापथ्यभोज्यअरुत्यागका विचार .... ,
वाताद्याधिक्यसे शूलायुद्भव .... हितनिषेवण . ... ....
पित्ताधिक्यसे ज्वरादिक पथ्यगुणोंकी स्थिरता
कफाधिक्यसे छादिक .... अपथ्य याग पथ्यका सेवन ...
अलसकेरोगकी उत्पत्ति अहिताहारका त्याग ....
दंडकालसकका लक्षण ..... आहारादिकोंसे शरीरधारण....
अलसकोपक्रमनिर्देश ....... शयनब्रह्मचर्यका विधि ....
विषूच्यादिमें विरिक्तके समान उपचार दुर्निद्रादोष .... ....
अजीर्णीको वमनादिकरावना .... जागरणके गुण .... ....
भोजनजीर्णभयेपीछे औषधकी योजना दिवास्वापको गुणदोषकरत्व.... ग्रीष्ममें पुरुषविशेषकोदिवास्वापनिषेध ८९
औषधका प्रकार .... .... .... "
औषधविवरण .... .... .... अकालशयनसे मोहादिक ...
अन्यव्याधिचिकित्साका प्रदेश ..... .. तहां औषध ... ... .... निद्रानाशजन्यविकार .... ....
हेतुव्याधिविपर्ययोंकोही चिकित्सोपरात्रिमें यथाकाल निद्रा ....
योगित्व . .... .... .... " मैथुनका स्वीकार तथा त्याग
अजीर्णलक्षण .... .... मैथुनाईस्त्रीविचार .... .....
वातसे अजीर्ण .... .... ...... मैथुनकाल ... .... ९१ | पित्तसे अजीर्ण
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