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________________ Shin Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirtm.org Acharya Shil kailassaganser Cyanmandir कक त उसके सकल अन्तःपुर में माननीय, हृदयको हरण करने वाली,मनको मोहित करने वाली कमला नामकभाया है। और दसरी देह से निर्मल और गुणों से विमल शीलवती विमला नामक रानी है। उस राजा की प्रीति दोनों ही। के साथ निविड़ है। दोनों ही की कुक्षि से पैदा हुए कमल और विमल दो पुत्र हैं। दोनों ही रूप और गुणोंसे युक्त हैं। ये दोनों दैवयोग से एक ही दिन में उत्पन्न हुए हैं। उत्तम गुण और शुभ लक्षणों को धारण करने वाले दोनों को । देख कर पाश्चर्य प्राप्त हुआ राजा सुख से राज्य का पालन करता था। एकदा वहां शास्त्रज्ञ, अद्भुत प्रश्न बताने वाला एक नैमित्तिक आया और राजसभा में आकर राजा . को आशीर्वाद दिया। राजाने उसकी आव भक्ति की और फल फूल से तथा वस्त्र प्राभरणादिक से सन्तुष्ट कर सादर अपने पास बैठाया और पूछा । हे नैमित्तिक ! तुम शास्त्र के चल से कहो कि इन दोनों कुमारी में से कौन मेरे राज्य का अधिकारी होगा? ऐसे राजा के वचन सुन ज्योतिषी बोला, हे महाराज ! गणित शास्त्र के बल से कहता हूँ. यह कमला रानी का पुत्र आपके पाले हुए राज्य को नाश करेगा और द्वितीय राजकुमार, लक्षणवान् , निर्मलगुणरत्नों का घर थिमला रानी का पुत्र तुम्हारे राज्य को पालन करने में धुरंधर होगा । राजा इन वचनों को सुन अम्यन्तर कोप से जाज्वल्यमान होता हुआ अपने सेवकोंको बुला कर इस प्रकार आज्ञा देने लगा कि, हे सेवको ! तुम इस कमलप्रभा के पुत्रको बन में छोड़ पायो। उन सेवकोंने राजा का आदेश पाकर उसी रात्रि में For Private And Personal Use Only
SR No.020072
Book TitleAshtaprakari Pooja Kathanak
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijaychandra Kevali
PublisherGajendrasinh Raghuvanshi
Publication Year1928
Total Pages143
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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