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आराधनास्वरूप ।
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प्रकार अनर्थदंडके नाम हैं । तिनमें जो खेती करनेका, पशु पालनेका, पापके विणजका, तिर्यच मनुष्यनिकूं मारनेका, दृढ बांधनेका, पुरुपस्त्रीनिके संयोगका, तथा छह कायके जीवनिका घात जातैं होय ऐसा उपदेश करना, सो पापोपदेश नामा अनर्थदंड है ||
बहुरि हिंसा उपकरण जे खड्ग, बाण, छुरी, कटारी, फावडा, खुरपा, कुंदाल, विष, अग्रि, रस, जेवडा, वेडी, सांकल, चाबका, जाल, पींजरा इत्यादिकका देना, सो हिंसादान नामा अनर्थदंड है । तथा मार्जार, कूकरा, तीतर, कूकडा इत्यादिक मांसभक्षी जीवनिका पालना तथा आयुधनिका बेचना, लोहका विणज करना, तथा लाख खलि इत्यादिक " जिवनिकी हिंसा जिनतें प्रवर्तें तिनका " विणज व्यवहार करना; सोह हिंसादान नामा अनर्थदंड है ||
बहुरि जो रागी द्वेषी हुवा अन्यजीवनिके स्त्रीपुत्रादिकनिका मरण चाहना; तथा अन्यजीवनिकै राजाकरि कीया तीत्रदंड, वा सर्वस्वहरण, वा चौरादिककरि धनका नाश, तथा जगत मैं अपवाद, कलंक इत्यादिककी वांछा करना; तथा अन्यजीवनिका अंगका छेद, बुद्धीका नाश, मारण, ताडनकी चाह करना; परका उदय देखि क्लेशित होना, अन्यकै आपदा आजाय वा अपमानादिक होय तदि आनंद मानना; सो अपध्यान नामा अनर्थदंड है | तथा अन्य मनुष्य तिर्यचनिकी राडि कलह देखना या देखिकरि हर्ष मानना, अन्यजीवनिके दोष ग्रहण करना, परकी धन संपदा देखि वांछा करना, अन्यकी स्त्रीका "देखने में अनुराग करना, आपका अभिमानकी वृद्धि चाहना, परका अपमान चाहना इत्यादिक अपध्यान नामा अनर्थदंड है |
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