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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अगल अगस्तिया किया गया है। अनीस प्रकरणान्तर्गन फारसी first ste: It day after casirp.) नाम "बजे तुर्की" के सम्बन्ध के नोट को । नगासी uguvoste-इं. यह एक प्रकार की देखिए । स० फा० इं०। निष्क्रिय शकरा है जी सकसपत्ता ( Agave नोट-हाजिजैनुल अत्तार (१३६८) इसे जल htrian Lim.) नामक वृक्ष के डंठल जज कहते हैं और इसका फारसी नाम बलजज । के रस से पृथक की जाती है। इं० मे० मे। बनाते हैं। अगशि agarhi-कना० अगस्त वृक्ष, अगस्तिया अगलgalh- ताधिकरस्सी-बं० । बागापामा- (Ayati gandiflora, Dase.)फा० आसा० । मे० मी०। ०१ मा०। अग़ल्सोलीस nghal-solin-यू. एक वृक्ष है अगसतामरेरय Agasatanmuk:-Taya-ता० जिससे उशक नामक गांद निकलता है। __ जलकुम्भी--हिं० । कुम्भिका०-सं०। Pistiis अगलहिया agtahiya-हिं० संज्ञा स्त्री० t hitiotnes, Lin. ई० मे में० । फा० [देश॰] एक चिड़िया, ( ऋतु का ) इं०१ भा। अगला ॥gala-हिं० वि० [सं० अग्र] [स्त्री० अगसाक aghusial-अ० (Black erow.) अगली ] (1) अागे का । अग्र भागका । सामने कुलाग़ स्याह (स्वत का कोना )। का । अगाड़ी का। पिछला शब्द का उलटा । . अगसीगिदा agasi.gidi-कना० चकबंड-हिं० (२) पूर्ववर्ती । पहिलं का। प्रथम । (३) चक्रमर्द, बदन-सं० । दादमर्दन-वं० । आगामी । पाने वालः । भविष्य । (४) अपर। Ringworm shrub ( Cassia दसरा । एक के बाद का। alata.) Lin.इं० मे० मे०। अगन्नाकाष्ठ xala-koshtha-हि० पु अगसेयमरनु gaseya-muraru-का० (Anterior' cha.mbol.) अप्रकोष्ठ । अगस्त, अगस्तिया (agati randiflora, Dere.) अगलागल alagala-हिं. कचैटा, किंगलो। . अगस्त pasta-हि० पु., । ---अगस्तिया अगलानअशी phalānashi-तु० जुन्दवे- . अगस्तिःagastih-सं००/-Sesbania दस्तर, गंधमार्जार ( Castorem.) Grandiflora, Pers.) अगलाय agaliya-ता. चिकरस्सी-बं० । बीगा अगस्तिकुसुमः ayasti-kusumah-सं० पु., पोमा-भासा मे० मो०॥ अगस्द्रिः -मः gasti-drub,-arumalh अग़लोकन ayhaliqama-यु० मैफरवतज ( दोशाब अगस्तिया के नाम से प्रमिन्द्र है) Aynti grandi flora, Drsv. अग़लोकश shaliqusha-यु० दोसर (एक अगस्तिपत्र नस्य agastipatra-llasya-सं० ब्रटी है जिसके पत्ते गेई के पत्तों के सदृश होते हैं 4. अगस्ति ( अगस्तिया) के पत्तों के रस की और उसकं फल पर दीनीन पदे होते हैं और नस्य लेने से चौथिया ज्वर का नाश होता है। उस पर बाल के समान रांश्रा होता है।) (वृ०नि०र०) अगलोकी aghalini-यू० (1) मूली का अगस्तिया ugustiya-हिं० पुं० तेल (२) मारूतज ।। प्रगथिया, अगस्त, वस्न, वासना, अगलीत सushali tusa-यू. फाशरा, शिव हथिया हतिया, हृदया-हिं० । पर्याय-प्रथालिंगी-हिं० ( Bryonia Albu) गस्त्यांवंगसेनोमुनिपुप्पोमुनिद्रुमः । अगस्त्यः, अगवन्त nasanta-सं० अरनी [Premi Integrifolia, Linn.) यसेनः, मुनिपुष्पः, मुनिद्रुमः, शिक्वली, पाशुअग़बर (hava-तु० स्वीस, प्यूमी, पीयूप, पतः, एकाप्लीलः, वृकः, वसु, वसुकः, वसूहद्दः, (The milk of a cow during thu वसूकः, वकपुष्पः, शिवप्रियः, शिवमल्ली, काक For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
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