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अक्षिकुण्ड:
अक्षिरोगः पाल का पेड़ । पाच्छुक । (Morinda cit. अतिदण्ड akshidanda-हिं० सज्ञा प rifola.)
(Axis) अक्ष। अतिकुडः akshi-kundah-सं0 प ० (O अक्षिपञ्चकम् akshi-panchakam-स'0 _bit) अक्षिखात।
___ कला० श्रोत्र, स्वचा, रसना, नेत्र और नासिका। अक्षिकुडीय ukshi-kundiya-स. त्रि० रा०नि० ब०१८।
(0. bisal) अक्षिखात सम्बन्धी । | अक्षिपटल akshi patala-हिं० सशा पु.। अक्षिक्टः , rakshi-kuralh,-kah-सं०ए० अक्षिपटलम् akshi-patalam- क्ला
(१) Eye ball. ईपिका, नेत्रतारा, अति- आँख का परदा । ख के कोए पर को मिली । गोलक | वा. सू० २ ०। (२) गजादि- नेत्रपटल । पलक । (Eye-lid, A coat पुटक, गजाति गोलक । हे० च0।
of the eye-) . अक्षिणितम् akshi-kānitium-स0 क्ली0 अक्षिपदम .ksi-pakshma-स. क्लो. अपांग दृष्टि
नेत्र लोम, अक्षिवम, बरौं धी। ( Eyelash, अक्षिकृष्णम् akshi-krishnam-स0 फ्लो० Cilia) सु० शा०३।१४। नेत्र का काला भाग । शतप० ।
अक्षिपाकात्ययः . akshipakatyalt-स'. अक्षखत akshi.khata-हिं० संज्ञा पु०
प' अक्षि कृष्ण गत रोग विशेष । अक्षिगुहा, गुहा, श्राँस्व के रहने के गड्ढे को ।
लक्षण -जिसकी प्रोखों से गरम पानी गिरने - गुफा । ( Orbits of eyes., orbital
से फुन्यो हो पाए । दोनों पटलों में शुक्ल फूला cavity.)
प्राप्त हो जाने से ये लाया होते हैं। जिसमें मक्षिगु(गू हा akshigu,-gu,--11-स'हिं०
मूंग के समान शुक्ला हो. वह असाध्य है और सक्षा) स्रो० बाँख के गड्ढे । ख के रहने ।
जो तीतर के पंख के समान (काले रंग का) के गड्ढे की गुफा । ( Orbit of eyes.): हो उसको भी कोई कोई असाध्य कहते हैं। प्र० शा।
तीनों दोषो से जिसके नेत्रके काले भाग में चारों प्रक्षिगोलः akshi.golah-स0प नेत्रतारा ।
ओर से सफेदी का जाती है उस नेत्रपाक को (The ball or globe of t'e eye )
त्रिदोषज अदिपाकास्यय नामक नेत्र रोग धैयों को वै० श० सिं०।
त्याग करने योग्य है। मा०नि०। प्रक्षिगोलक akshi golaka
अक्षि पीलु: akshi-pillar-सं०१० महागिम्ब । अक्षिगोल akshi-golam
(Melia azedarach. ) 0 निधः। -सं0 क्ली जाँख का वेतन । (Ball of the :
अक्षिबुदबुदः akshi.budabuda-सं० प.. ___eye-)
(Optic vesicle, Bulb of the मक्षिचालनीkshi-clhalani-स'0 स्त्री०
eye.) (Oculo-motor. )
अक्षिभेषजम् aks.li-bies!haji m--स0 क्लीo अनिच्छादनम akshiclichhade num- ( श्वेतलोध्र । सफेद लोध । मद०व०१।
सक्लो अक्षिपचम, अधिवर्मन I (Eye-la• पट्टिका सेन, पानी लोध्र । रा० नि०व०६। sh, cili) रला०।.
| (२)नेत्रीषध, नेत्राशन । अक्षिणी akshini-सस्त्रो0 चक्षु, नेन । अथon ! अक्षिमण्डलम् uksri-mandalam-सं० की. सू० २ । ३३ । का ।
नेत्रमण्डल । शतप० । अक्षितारा akshi-tara-
हिसका स्त्रीo[स] अक्षिरोग: akshi-rogah-सं० पु. नेत्ररोग, . साख की पुतली।
i: बहरोग । ( An eye disease.)
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