SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 840
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra "" www.kobatirth.org अलनपुरुषः- का , कः ( Clitores ternatea. ) मराठी | श्र० ० भ० । (२) पटसन, रसुनिया घास | असन पुष्पः, - asina-pushpah, kah - सं०प० पष्टिक धान्य जाति भेद । साठी भेद । सु० सू० ४६ ० असंनमल्लिका asana.mallika-५० ख० रामसर - हिं० | हापर माली बं० । (Echitos dichotoma.) इं० मे० मे० | देखो -भद्र | वली | असना-गु० कासन sana } असगंध, अश्वगंधा । ( Withania so mnifera ) ई० मे मे० - हिं० संज्ञा पु० [सं० अशन ] एक वृक्ष जो शाल की तरह का होता है। इसके हीर की लकड़ी हड़ और मकान बनाने के काम प्राती है तथा भूरापन लिए हुए काले रंग की होती है। इस पेड़ की पत्तियाँ माघ फाल्गुन में झड़ जाती है । पीतशाल वृद्ध | 'Terminalia tomen. tosa, Bedd.). असनादिगणः asanadi ganah - सं० ए० पीतशान, ति नश, भोजपत्र, पूतिकरअ, खदिरसार, कदर ( खैरसारकी प्राकृतित्राला खेतसार ), शिरिद, शीशम, मेषशृंगी, ग्रिहिम ( चन्दनत्रय अर्थात् श्वेत रक्र व पीत चन्दन ), ताड़, ढाक, ..अगर, वरदारु, शाल, सुपारी, धवपुष्प, इन्द्रयव, अकर्णी और अश्वकर्णी | गुण-ये श्वित्र कुष्ठ, कफ, कृमिरोग पाण्डुरोग, प्रमेह तथा मेद सम्बन्धी दोषों को दूर करते हैं । वा० सू० १४ श्र० असंताप asantapa-सं० वि० संताप या श रहित । अथनं० । असन्धानकर asandhana-kara - हि० वि० ० संधान निवारक । असन्न asanna-अ० कन्त दुर्गन्धि । वह मनुष्य जिसके कक्ष से दुर्गंध आती हो । ७८८ तन्तु, अब aasab- अ० ( ए० ६० ) श्राव ( ब० ० ) पै, पुट्टा - उ० नादी, बोध असव शिक ज्ञानवन्तु । नर्व ( Nerve ) - ई० । देखो नाड़ी । असव इश्तियाको āasaba-ishtiyaqi - श्र० असून अश्फाक़ी | यह मस्तिष्क की चतुर्थ नाड़ी है जो मस्तिष्क से प्रारम्भ होकर मेत्र में बुके वो पेशी में समाप्त होतो है । पैथेटिक नर्व (Pathetic nerve. ) έ• ↓ अस्त्र जाजिअ āasibazajão अम् बुरिंग्रड् वल्मिनदह, अस्य मुनय्यरह, लौटने वाला पुट्ठा । श्रामाशय फुफ्फुपीया नाड़ी, अस्त व्यस्त बोधतन्तु । ( Pneumogastric nerve, Vagus nerve.) अस्त्र जौकी āasaba-zouqi-अ० अमब लिसानी व बलऊनी, जिह्वाकरटनाही | ( GI:ssopharyngeal nerve.) असलुखाई इज़ाफ़ा aasaba-nukhaaiizafi - अ० सीयुम्न सहायक नाड़ी । ( Spi nal accessory nerve. )-fo | अब बसरी āasaba basri-अ० शबनूरी, शस्त्र मुजन्त्र, इस वह मुजष्वक्रह । चानुषोया नाड़ी, आलोक सम्बन्धी माड़ी, देखने की नाही, efearst (Optic nerve.) अस्य मुज़दत्रफ āasaba-majavvafa सुबह सुबह । ( Optic nerve ) देखो -- असून बसरी | अस्ववजिही āasaba-vajihi - अ० मौखिकी नाड़ी । ( Facial nerve.) अत्र च कबीर āasaba-varki-kabira - ० . स्वह वजह, महा कटिनाड़ी | ( Great sciatic nerve. ) असुत्र व सगर āasaba-varki saghirao लघु कटि नाडी । ( Small sciatic nerve. ) C Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अब शामो sabshami-ऋ० उ स्वतु. शम्म घ्राण नाड़ी । ( Olfactory nerve.) सूत्र शिक āasaba-shirki-ঋ० सब हमदर्दी | पिंगल नाही । ( Sympathetic nerve. ) For Private and Personal Use Only
SR No.020060
Book TitleAayurvediya Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamjitsinh Vaidya, Daljitsinh Viadya
PublisherVishveshvar Dayaluji Vaidyaraj
Publication Year1934
Total Pages895
LanguageGujarati
ClassificationDictionary
File Size27 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy